उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदले जाने के बाद अब एक-एक कर और कई जगहों के नाम बदलने की मांग उठ रही है. इस कड़ी में ताजा मामला दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा का है. गौतमबुद्ध नगर जिले में आने वाले ग्रेटर नोएडा की 'पाकिस्तान वाली गली' के निवासियों ने अब इस नाम को बदलने की मांग उठाई है. इसको लेकर पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान से चार परिवार यहां आकर बस गए. इसके बाद इस जगह को 'पाकिस्तान वाली गली' के नाम से जाना जाने लगा. हालांकि निवासियों का कहना है कि उन्हें इस नाम की वजह से कथित तौर पर काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. एक निवासी के मुताबिक, 'हमारे पते को देखकर हमें रोजगार नहीं दिया जाता है. यहां तक कि जहां भी हम अपना पता देते हैं, वहां हमें मजाक का पात्र बनाया जाता है.'
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निवासियों का कहना है कि यह हमारी गलती नहीं है कि हमारे पूर्वज यहां आए और बस गए. यहां तक कि जिले के अधिकारी भी हमें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराते हैं और हमें पाकिस्तान जाने को कहते हैं. उन्होंने कहा, 'आधार कार्ड, जिसमें इस गली का नाम दर्ज है, को दिखाने के बाद हमें काम नहीं मिलता है. हम अपने बच्चों की पढ़ाई पर पैसे खर्च करते हैं, लेकिन क्या होगा जब उन्हें रोजगार नहीं मिलेगा. हम बहुत परेशान हैं. हमने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से इस कॉलोनी का नाम बदलने और हमें रोजगार दिलाने का आग्रह किया है.' बता दें कि इस कॉलोनी में करीब 60-70 घर हैं और यहां के निवासियों में हिदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं.
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गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा की 'पाकिस्तान वाली गली' में रहने वाले हिदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग ही सरकार से इस गली का नाम बदलवाना चाहते हैं ताकि वे अपने ही देश में खुद को उपेक्षित और अलग महसूस न करे. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इससे पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर चुकी है. मुगलसराय जंक्शन का नाम भी बदलकर पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है. इसके बाद राज्य के तमाम इलाकों का नाम बदलने की मांग उठी है. (इनपुट-IANS)