सपा सांसद रामजी लाल सुमन.
Rana Sanga Row: 16वीं सदी के राजपूत राजा राणा सांगा पर विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन (Ramji Lal Suman) ने NDTV से पूरे विवाद पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था. समाजवादी आंदोलन से जुड़ा होने की वजह से जातिविहीन और वर्गविहीन समाज की स्थापना के लिए काम कर रहे है. ऐसे में समाज को बांटने का किसी को दुख पहुंचाने का मकसद नहीं था. महत्वपूर्ण बात ये है कि मेरे बयान को राज्यसभा के सभापति ने तुरंत ही एक्सपंज कर दिया है. इसलिए उसके बाद मुद्दा तो बचा ही नहीं.
मेरे बयान के विरोध में गैर संवैधानिक तरीका गलतः सांसद
सपा सांसद ने आगे कहा कि ये जरूरी नहीं है कि मेरी बात से हर कोई सहमत हो, ये जनतंत्र है और देश संविधान से चलता है. जो लोग मेरे बयान से असहमत थे, उनके विरोध का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए था. विरोध करते, धरना देते, सत्याग्रह देते और कोर्ट जाते लेकिन जो हिंसा का रास्ता अपनाया गया वो गैर संवैधानिक रास्ता था.
'मैंने जो कहा वो कहीं पढ़ा, किताब मैंने नहीं लिखी'
रामजी लाल सुमन ने कहा कि जो बयान मैंने दिया, वो मैंने कहीं पढ़ा था. किताब मैंने नहीं लिखी, डाक्यूमेंट्री हमने नहीं दूरदर्शन ने बनाया था. हमने जो देखा, सुना, पढ़ा, वहीं बोल दिया. सदन की परंपरा है कि जो बात संसद की कार्यवाही से निकल गया, वो वहीं ख़त्म हो जाना चाहिए था, लेकिन उसका बढ़ा दिया गया.
गड़े मुर्दे उखाड़ रहे लोग, यह परंपरा ठीक नहींः सपा सांसद
सपा सांसद ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेता गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं. ये परंपरा ठीक नहीं है. विरोध करने वालों को देखना चाहिए कि इस विरोध की शुरुआत किसने की. परिवार को मिल रही धमकियों पर पर उन्होंने कहा कि ये चिंता का विषय है कि हिंसक भीड़ बुलडोज़र लेकर घर आने की कोशिश कर रही थी.
भीड़ ने मेरे घर पर कातिलाना हला कियाः रामजी लाल सुमन
रामजी लाल सुमन ने आगे कहा कि वो भीड़ मेरे घर पर कातिलाना हमला करने आ रही थी. समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. हाईकोर्ट में सुरक्षा मांगने पर उन्होंने कहा कि ना जाने कितनी बार नाक, कान, जीभ काटने का ऐलान किया गया, बार-बार धमकियां मिल रही हैं. ऐसे में सुरक्षा के लिए हमने हाईकोर्ट का रुख किया है.
दलित बनाम सवर्ण की लड़ाई पर क्या बोले सपा सांसद
दलित बनाम सवर्ण और हिंदू बनाम मुस्लिम की लड़ाई बनाने की कोशिश के सवाल पर रामजी लाल सुमन ने कहा कि ये मानसिकता है कि सैकड़ों साल पहले हमारे पुरखे जिस वातावरण में रहे, उसी में हम भी रहते रहें. ये अब चल नहीं सकता है. ये करने वाले वही लोग हैं जो दलितों की बारात नहीं देख सकते.
'यह हमला मुझपर नहीं पीडीए पर'
सपा सांसद ने आगे कहा कि ये वहीं लोग हैं जो अखिलेश यादव के सीएम आवास छोड़ने पर उस घर को गंगाजल से धुलवाते हैं. दलित, पिछड़े और शोषित की लड़ाई हम लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे. मेरे घर हमले का एक कारण हमारी जाति हो सकती है. ये हमला रामजी लाल सुमन पर नहीं बल्कि पीडीए पर है.
तोड़फोड़ करने वालों के सामने झुकने का सवाल नहींः सपा सांसद
सपा सांसद ने आगे कहा कि करणी सेना क्या कह रही है, हम उसपर कुछ कहना नहीं चाहते. करणी सेना जो कर रही है, वो नहीं करना चाहिए. उन्होंने माफ़ी मांगने के सवाल पर कहा कि तोड़फोड़ और हिंसा करने वालों के सामने झुकने का सवाल ही नहीं है. अराजक लोगों से समझौता करने के लिए हम तैयार नहीं हैं.
करणी सेना के प्रदर्शन को प्रशासन की मंजूरी
सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि सत्तारूढ़ दल को इसमें कुछ लाभ दिखाई दे रहा होगा, इसलिए वो हिंसा का वातावरण बनाने की कोशिश में लगे हैं. कल के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शन हो या ना हो, ये हम तय नहीं कर सकते. हमें उम्मीद थी कि इस आयोजन की अनुमति नहीं मिलेगी लेकिन बावजूद इसके प्रशासन ने अनुमति दे दी है. इसलिए ये कहा जा सकता है कि इस अनुमति में राज्य सरकार की सहमति शामिल है.
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