उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त दलित युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले ने अब राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. विपक्ष ने इस घटना को लेकर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का आरोप है कि जब मृतक युवक ने राहुल गांधी का नाम लिया, तो भीड़ ने उसे पीटना शुरू कर दिया और कहा कि "यहां सब बाबा वाले हैं." वहीं, पुलिस ने पिटाई के वायरल वीडियो के आधार पर पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. इस मामले में अब तक पांच पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया जा चुका है.
उधर, हत्या के विरोध में लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर कांग्रेस छात्र संगठन NSUI ने प्रोटेस्ट किया. छात्र संगठन ने हाथों में प्ले कार्ड और माथे पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान लखनऊ पुलिस ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को डिटेन करके एक गार्डन भेज दिया है.
चोरी के शक में भीड़ का शिकार बना दलित युवक
यह हृदय विदारक घटना रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में बीती 1 अक्टूबर की शाम को हुई. मृतक की पहचान हरिओम (निवासी फतेहपुर) के रूप में हुई है, जो मानसिक रूप से विक्षिप्त था और अपनी ससुराल (रायबरेली, ऊचाहार) जा रहा था. डांडेपुर गांव में कुछ लोगों ने उसे चोर समझकर पकड़ लिया. इसके बाद, भीड़ ने उसे बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया. भीड़ ने हरिओम को इतना पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पिटाई के बाद आरोपी उसका शव वहीं छोड़कर भाग गए. अगले दिन, 2 अक्टूबर को, उसका शव ईश्वरदासपुर हॉल्ट के पास रेलवे ट्रैक से 20 मीटर दूर मिला.
कांग्रेस का बड़ा आरोप: 'यहां सब बाबा वाले हैं'
इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और सांसद इमरान मसूद ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है. कांग्रेस के अनुसार, जब युवक ने पीटने वालों के सामने राहुल गांधी का नाम लिया, तो लोगों ने उसे और ज्यादा पीटना शुरू कर दिया और कहा कि यहाँ सब बाबा वाले हैं." राहुल गांधी ने भी पीड़ित परिवार से फोन पर बात कर सांत्वना दी है. हालांकि, पुलिस ने अपने प्रेस रिलीज़ में कहा है कि यह हत्या जातिगत कारणों से नहीं, बल्कि चोरी के शक में की गई है.
"वह मुझसे मिलने आ रहा था, उसे नहीं पता था यह आखिरी रात होगी"
मृतक हरिओम की पत्नी पिंकी ने बताया कि उनकी शादी 14 साल पहले हुई थी और उन्हें एक बेटी है. हरिओम का मानसिक संतुलन सही नहीं था और उसका इलाज चल रहा था. तीन साल पहले पिंकी अपनी बेटी के साथ मायके आकर रहने लगी थीं. हरिओम अक्सर उनसे मिलने आया करता था. पिंकी ने रोते हुए कहा, "एक अक्टूबर की रात वह मुझसे मिलने ही आ रहा था, लेकिन उसे नहीं पता था कि यह रात उसकी आखिरी रात होगी." मृतक के पिता गंगादीन ने भी रो-रो कर अपना दर्द बयां किया और बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त था और कोई काम नहीं करता था, भीख मांगकर खाना खाता था.
पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल
इस पूरे मामले में रायबरेली पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, गांव वाले युवक को पूरी रात पीटते रहे, लेकिन पुलिस नदारद रही. जिले में ड्रोन उड़ने के बाद फैली चोरी की अफवाहों ने इस कदर दहशत पैदा कर दी थी कि एक मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति भीड़ के गुस्से का शिकार हो गया.