रेप पीड़िता को नहीं मिला न्याय तो जहर खाकर दी जान, अखिलेश यादव ने जमकर सुनाया

Pilibhit Rape Case Victim Committed Suicide: अपराधी पर अगर पुलिस कार्रवाई न करे तो पीड़ित पर किस तरह का दबाव बनता है ये पीलीभीत रेप केस पीड़िता की आत्महत्या से समझा जा सकता है. पढ़ें हरपाल सिंह की रिपोर्ट...

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अखिलेश यादव ने दोषी पुलिस वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

Pilibhit Rape Case Victim Committed Suicide: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के अमरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती का गांव के ही युवक ने कई साल तक शादी का झांसा देकर बलात्कार किया. आरोप है कि 6 साल तक युवक ने युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़िता ने 6 महीने पूर्व आरोपी युवक खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा दिया. उधर पुलिस ने आरोपी युवक पर दर्ज रेप के मुकदमे में एफआर भेज दी, जिसके बाद पीड़िता लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने नहीं सुनी.

थाने में जहर खा लिया

बुधवार शाम पीड़िता जहर खाकर थाने पहुंच गई. हालत बिगड़ने पर पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया. रेप पीड़िता ने मीडिया को जहर खाने का जिम्मेदार अमरिया एसओ को ठहराया है. पीड़िता का आरोप था कि लगातार उसके साथ बलात्कार किया गया, लेकिन आरोपी पर पुलिस ने कार्यवाही नहीं की और एसओ ने उल्टा पीड़िता को प्रताड़ित किया. इससे आहत होकर उसे जहर खाना पड़ा. कल तक पुलिस रेप के मुकदमे में एफआर की कहती रही, लेकिन दिन निकलते ही अपने बयान से बदल गई और पुलिस ने प्रेस नोट में कहा कि पुलिस कार्यवाही से पीड़िता और परिवार संतुष्ट थे. उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है. रेप के मुकदमे में जांच चल रही है.

उधर, मीडिया को पीड़िता ने जीवित रहते बताया कि उसके साथ शादी का झांसा का देकर रेप किया गया. मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की. एसओ से जब गुहार लगाई तो एसओ ने कहा जाओ मर जाओ. रेप पीड़िता की मौत के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक्स पर ट्वीट कर सरकार को घेरा है.
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अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ऊपर-से-नीचे तक महा-भ्रष्टाचार में लिप्त भाजपा राज में पुलिस के भ्रष्ट और अमानवीय व्यवहार से दुखी होकर, महीनों की हताशा के बाद, दुष्कर्म की शिकार पीलीभीत की एक युवती का ज़हर खाकर आत्महत्या करना बेहद दुखद घटना है. इस बात की पुष्टि का सबूत मृतका द्वारा दिये गये वीडियो में दर्ज है. भाजपावाले ‘महिला सुरक्षा' पर क्या अब कोई बड़बोला बयान देना चाहेंगे. अधिकारियों की बेईमानी में भाजपाइयों की हिस्सेदारी ही समस्या की मूल जड़ है. इसकी गहन जांच हो और जिसको भी इस घूस में हिस्सा मिला है, उस पर दंडात्मक कार्रवाई हो. उप्र सरकार अपने भ्रष्टाचार और हृदयहीन व्यवहार के लिए स्वयं ‘निंदा-प्रस्ताव' पारित करे और अपने ही ऊपर 1 करोड़ का जुर्माना लगाए और मृतका के परिजनों को ये संवेदना राशि दे."
 

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