सीएम योगी आदित्यनाथ ( फाइल फोटो )
लखनऊ:
मामूली रकम अदा कर सरकारी गाड़ी से निजी काम निपटाने वाले उत्तर प्रदेश के सरकारी अफसरों को अब हर महीने ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. यूपी सरकार ने 18 साल बाद इसकी दरों को रिवाइज करते हुए दोगुना कर दिया है. अब अफसरों को कार के लिये अब 1000 रुपये और जीप के लिये 800 रुपये प्रति माह की दर से सरकारी खजाने में जमा करने होंगे. हालांकि, यह रकम भी अफसरों की तनख्वाह और उनके रुतबे को देखते हुए काफी कम है.
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प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार ने मंगलवार को इस बारे में सभी विभागों को आदेश जारी कर दिया है. प्रदेश के विकास कार्यों के लिए संसाधन जुटाने और फिजूलखर्ची को रोकने के मकसद से शासन ने यह फैसला किया है. राज्य सरकार के अधिकारियों को सरकारी गाड़ी का हर महीने 200 किमी तक निजी प्रयोग करने पर फिलहाल कार के लिए 500 रुपये और जीप के लिए 400 रुपये अदा करने पड़ते हैं.
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यह दर एक जून 1999 से प्रभावी थी. इससे पहले 19 मार्च 1997 को जारी शासनादेश के तहत कार के लिए यह दर 250 रुपये और जीप के लिए 200 रुपये निर्धारित की गई थी.
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