- डॉ संजय निषाद ने गोरखपुर में कहा कि यदि बीजेपी को निषाद पार्टी से लाभ नहीं दिख रहा तो गठबंधन तोड़ सकते हैं
- उन्होंने खुद को निषाद समाज का नेता बताते हुए कहा कि उनकी वजह से निषाद बीजेपी को वोट करते हैं
- संजय निषाद ने कहा कि सहयोगियों की ताकत को कम मत आंकिए, जीत अकेले की नहीं, सबकी साझी है.
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद आजकल बीजेपी से नाराज लग रहे हैं. अपने गृह जनपद गोरखपुर में उन्होंने दोटूक कह दिया कि अगर बीजेपी को लगता है कि निषाद पार्टी से उन्हें फायदा नहीं है तो गठबंधन तोड़ ले. अगर भरोसा है तो गठबंधन निभाइए, नहीं है तो साफ कह दीजिए, हम तैयार हैं.
जीत अकेले की नहीं, सबकी हैः निषाद
खुद को निषादों का पॉलिटिकल गॉडफादर बताने वाले डॉ संजय निषाद ने मंगलवार को गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो अपनी ही सहयोगी बीजेपी पर हमलावर दिखाई दिए. डॉ संजय निषाद ने खुद को निषादों का नेता बताते हुए दावा किया कि उनकी वजह से निषाद समाज बीजेपी को वोट कर रहा है. इसके बाद भी बीजेपी को लगता है कि उनके बीजेपी के साथ होने से उसे फायदा नहीं हो रहा तो वो गठबंधन तोड़ने को तैयार हैं. वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने ये भी कह दिया कि सहयोगियों की ताकत को कम मत आंकिए, जीत अकेले की नहीं, सबकी साझी है.
'आरक्षण देना भाजपा की जिम्मेदारी'
निषादों को अनुसूचित जाति वर्ग का दर्जा देने की मांग शुरू करने वाले डॉ संजय निषाद ने आरक्षण के मुद्दे पर भी बीजेपी को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आरक्षण देना भाजपा की जिम्मेदारी है, सहयोगी के तौर पर हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने ये भी कहा कि निषाद पार्टी की जड़ें गोरखपुर से निकलीं लेकिन कुछ नेता इसे बदनाम करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि त्रेता से ही हम प्रभु श्रीराम की विचारधारा से जुड़े हैं और आगे भी जुड़े रहेंगे.
बेटे की हार पर बोले, बीजेपी से पूछें
डॉ संजय निषाद खुद विधान परिषद सदस्य और मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. उनके बेटे श्रवण निषाद विधायक हैं. वहीं उनके बड़े बेटे प्रवीण निषाद दो बार के सांसद रहे हैं. पहली बार सपा से और दूसरी बार बीजेपी से. तीसरी बार वह संतकबीरनगर सीट से बीजेपी के टिकट पर लड़े लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में चुनाव हार गए. इस हार को लेकर पूछे गए सवाल पर डॉ संजय निषाद ने कहा कि उनके बेटे प्रवीण की हार पर सवाल हमसे नहीं, भाजपा नेतृत्व से पूछिए.
यूपी बीजेपी के चार सहयोगी दल
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कुल चार सहयोगी हैं. इनमें सबसे पुरानी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) है. अपना दल की अध्यक्ष डॉ अनुप्रिया पटेल वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं और उनके पति आशीष पटेल यूपी में कैबिनेट मंत्री हैं. इसके बाद ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल और डॉ संजय निषाद की निषाद पार्टी है. ओपी राजभर भी कैबिनेट मंत्री हैं, संजय निषाद भी और आरएलडी के कोटे से अनिल कुमार भी कैबिनेट मंत्री बनाये गए हैं.