- मुजफ्फरनगर के युवक कुर्बान ने सऊदी अरब से CM योगी आदित्यनाथ की फोटो एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल की थी
- पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353(2) बीएनएस और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया था
- युवक के देश लौटते ही चरथावल थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में एक युवक को सोशल मीडिया पर 'ओवरस्मार्ट' बनना उस समय भारी पड़ गया, जब उसने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल करने की हिमाकत की. आरोप है कि यह 'सोशल मीडिया स्टार' सऊदी अरब में बैठकर यह खुराफ़ात कर रहा था. नतीजा यह हुआ कि जैसे ही वह अपने देश और गांव लौटा, पुलिस ने उसे दबोच लिया और उसकी ऐसी 'मेहमाननवाज़ी' की है. अब ये युवक ठीक से अपने पैरों पर खड़ा होने लायक भी नहीं बचा है और पुलिस के सहारे चलने को मजबूर है.
सऊदी में बैठकर की थी 'एडिटिंग की कलाकारी'
मामला मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र का है. बीती 28 सितंबर को पुलिस को यह सूचना मिली थी कि ग्राम कुल्हाड़ी निवासी कुर्बान उर्फ अल्तमस नाम के एक युवक ने, जो उस समय सऊदी अरब में काम कर रहा था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो को एडिट करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत हरकत में आई. आरोपी के खिलाफ धारा 353(2) बीएनएस व 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए थे.
'खातिरदारी' के बाद पैरों पर चलना मुश्किल
पुलिस तब से ही कुर्बान उर्फ अल्तमस के हिंदुस्तान लौटने का इंतजार कर रही थी. रविवार को जैसे ही ये 'एडिटिंग का मास्टर' सऊदी अरब से अपने गांव पहुंचा, चरथावल थाना पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी की 'खातिरदारी' में कोई कसर नहीं छोड़ी. जानकारी के मुताबिक, यह 'खातिरदारी' इतनी ज़ोरदार थी कि अब यह युवक बिना पुलिस के सहारे के अपने पैरों पर चल भी नहीं पा रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस गिरफ्त में आने के बाद यह युवक किस तरह गिड़गिड़ाता हुआ अपने किए की माफी मांग रहा है.
जानकारी के मुताबिक, आरोपी युवक सऊदी में काम करता था. वहीं से उसने यह 'डिजिटल दुस्साहस' किया था. पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि साइबर स्पेस में इस तरह की अराजकता या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के प्रति अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब यह युवक शायद समझ गया होगा कि सोशल मीडिया पर 'फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' की एक 'पुलिस लिमिट' भी होती है.