खाओ अपनी बीवी की कसम... यूपी एसेंबली में पानी पर बहस के बीच नेताजी क्‍या बोल गए 

मंगलवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन था. समाजवादी पार्टी के फहीम इरफान ने स्‍वतंत्र देव सिंह से गांवों में पानी पहुंचाने की योजना पर सवाल पूछा था.

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  • यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने पानी की सप्लाई को लेकर विवादित बयान दिया.
  • समाजवादी पार्टी के विधायक फहीम इरफान ने गांवों में जल आपूर्ति की स्थिति पर कड़ी आपत्ति जताई.
  • स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि विधायक अपनी बीवी की कसम खाकर पानी न मिलने का दावा करें.
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लखनऊ:

यूपी विधानसभा में इस समय मॉनसून सत्र चल रहा है और मंगलवार को यहां पर एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला. यूपी विधानसभा में आज सब हैरान रह गए जब सिंचाई मंत्री स्‍वतंत्र देव सिंह ने बीवी के नाम पर कसम खाने की बात कह दी. यह वाकया उस समय हुआ जब सदन में सिंचाई पर गरमा-गरम बहस चल रही थी. समाजवादी पार्टी के विधायक फहीम इरफान ने स्‍वतंत्र देव से पानी की सप्‍लाई को लेकर सवाल पूछा था. 

गरमा गया सदन का माहौल  

मंगलवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन था. समाजवादी पार्टी के फहीम इरफान ने स्‍वतंत्र देव सिंह से गांवों में पानी पहुंचाने की योजना पर सवाल पूछा था. इस पर योगी सरकार में सिंचाई मंत्री ने कह दिया कि विधायक अपनी बीवी की कसम खा कर कहें कि उनके गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है. सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की समाजवादी पार्टी विधायक मोहम्मद फहीम इरफान से बहस जारी थी. 

सवाल-जवाब में तकरार इतनी बढ़ी कि माहौल पूरी तरह गरमा गया. स्‍वतंत्र देव सिंह ने कहा, 'बीवी की कसम खाओ तुम्हारे यहां पानी नहीं मिला है.'  इसके बाद उन्‍होंने आगे कहा, 'इस्तीफा दे दूंगा अगर पानी नहीं गया होगा तो.' इस पर फहीम इरफान ने उन्‍हें जवाब दिया और कहा, 'मैं सदन से इस्तीफा दे दूंगा अगर मैं जो कह रहा हूं गलत हुआ तो.' इस पर फहीम ने कहा कि सिर्फ मेरे गांव पर आने से पहले मंत्री यह न कहें  और वह एक-एक  जिले की जांच करा लें. ये बीवी की कसम खाने की बात कह रहे हैं मैं विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा.

फहीम ने पूछे सवाल 

फहीम ने कहा कि जल जीवन मिशन को लेकर सदन में बैठे विधायक बहुत दुखी हैं. हालात ये हैं कि प्रेशर इतना कम है कि आधे घंटे में एक बाल्टी पानी भरता है. फहीम का कहना था कि जल जीवन मिशन आने के बाद हैंडपंप की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. जिन ठेकेदारों को काम दिया गया, उन्होंने सारे विकास के काम तोड़ दिए. चाहे मामला अयोध्या का हो या बरेली का या सीतापुर का. मथुरा हो या पूरे प्रदेश में कई जगह पानी की टंकियां गिरीं. हालात बहुत बुरे हैं. इसमें कुछ लोगों को जान भी गई. इसका मुआवजा कौन देगा... सरकार या कंपनी? 
 

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