महाकुंभ 2025 : 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा करेंगे हाईटेक रिमोट लाइट बॉय

महाकुम्भ को सकुशल एवं निर्विघ्न संपन्न कराने के उद्देश्य से 4वीं वाहिनी एवं 42वीं वाहिनी के पीएसी के बाढ़ राहत दलों ने संगम घाट और विकसित किए जा रहे विभिन्न स्नान घाटों की भौगोलिक स्थिति का भी निरीक्षण किया. साथ ही किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए पूर्वाभ्यास भी किया गया.

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प्रयागराज:

महाकुंभ-2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में हर परिस्थिति में 45 करोड़ लोगों के संगम स्नान का पूरा सुरक्षित प्लान तैयार कर लिया गया है.  

इसके लिए पीएसी के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मिलकर काम कर रही हैं, जिसमें बाकायदा एक-एक श्रद्धालु की सुरक्षा को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. यहां 700 झंडे लगी नाव पर 24 घंटे पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे. संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को मौजगिरी के रास्ते सुरक्षित निकाले जाने की योजना बनाई गई है. 

सबसे खास बात यह है कि संगम नोज से किलाघाट तक सभी जर्जर नाव हटाई जाएंगी. इसी क्रम में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर रिमोट लाइट बॉय तैनात किए गए हैं, जो पलक झपकते कहीं भी पहुंचने में सक्षम हैं और किसी भी अनहोनी से पहले व्यक्ति को सुरक्षित स्थान ले जाने में सक्षम हैं.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ को धरती का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन बनाने की तैयारी दिन-रात चल रही है. इसके दृष्टिगत सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक, पूर्वी जोन, प्रयागराज डॉ. राजीव नारायण मिश्र और कमांडेंट एसडीआरएफ सतीश कुमार संगम नोज और वीआईपी घाट पहुंचे. उन्होंने जवानों को सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने का निर्देश दिया. 

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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक-एक श्रद्धालु की सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी. साथ ही पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के जवानों को हर आधुनिक टेक्नोलॉजी से प्रशिक्षित किया जा रहा है. जवानों के लिए अत्याधुनिक लाइफ जैकेट, 4 नई फ्लोटिंग जेटी और बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ट्यूब मंगा लिए गए हैं, जिससे किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में हमारे जवान सक्षम रहेंगे.

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वीआईपी मूवमेंट वाले किला घाट पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. यहां पर स्पेशल फोर्स की तैनाती की जा रही है, जिससे देश विदेश से आने वाले एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए. यही नहीं, सरस्वती घाट से लेकर संगम घाट तक कड़ी सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया जा रहा है. यहां डीप बैरिकेडिंग की जा रही है. इसके अलावा घाट पर चारों तरफ जाल लगाने का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है.

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महाकुम्भ को सकुशल एवं निर्विघ्न संपन्न कराने के उद्देश्य से 4वीं वाहिनी एवं 42वीं वाहिनी के पीएसी के बाढ़ राहत दलों ने संगम घाट और विकसित किए जा रहे विभिन्न स्नान घाटों की भौगोलिक स्थिति का भी निरीक्षण किया. साथ ही किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए पूर्वाभ्यास भी किया गया. प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक, पूर्वी जोन, प्रयागराज डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने जवानों को सजग रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करने का निर्देश दिया. दलनायक बाढ़ राहत दल 4वीं वाहिनी पीएसी रवीन्द्र प्रसाद, दलनायक 42वीं वाहिनी मिथिलेश राय‌ ने भी जवानों की टीम को श्रद्धालुओं की सुरक्षा में मुस्तैद रहने के तरीके बताए.

डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि महाकुम्भ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 7 कंपनी पीएसी तैनात कर दी गई है, जिसके तहत एक कंपनी जीआरपी में और एक कंपनी को कमिश्नरेट में तैनात किया गया है. इसके अलावा पांच कंपनी मेले में लगाई गई है. जिनमें से दो कंपनियां बाढ़ राहत दल में तैनात हैं. सभी कुशल तैराकों को इस राहत वाली टीम में लगाया गया है, जो किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम हैं.

महाकुंभ को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में तैनात जवानों को कम्युनिकेशन में दक्ष बनाया जा रहा है. इन्हें सिखाया जा रहा है कि एक से दूसरे नाव में तैनात जवान किस प्रकार से एक-दूसरे से कम्युनिकेशन करेंगे. इसके अलावा बोट पलटने या किसी के साथ अनहोनी होने पर उसे बचाने के लिए क्या तात्कालिक व्यवस्था करनी है, इसके तहत जवानों ने पूर्वाभ्यास किया. 


 

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