VIDEO: यूपी के बहराइच में आदमखोर तेंदुए का आतंक, 10 दिन में 4 बच्चों को बनाया शिकार

तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने आसपास पांच पिंजड़े भी लगाएं है, लेकिन वह अब तक नहीं फंसा. खाली पिंजड़ा देखकर वन विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ रहा है.

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तेंदुए के हमले में दो बच्चों की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बहराइच:

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में तेंदुआ जंगल से निकलकर इंसानों का शिकार कर रहा है. बीते दस दिनों के भीतर तेंदुआ चार बच्चों को अपना शिकार बना चुका है. बहराइच से करीब चालीस किमी दूर नेवादा गांव में शाम होते ही वन विभाग के रेंजर की गाड़ियां साइरन बजाते हुए ऐलान करने लगते हैं कि "आपके इलाके में तेंदुए का खौफ है. कृपया शाम को चार पांच के ग्रुप में ही निकले. घर के आगे आग जलाकर कर रखें. बच्चों को घर के बाहर न निकलने दें." वन विभाग के दस्ते को तेंदुए के ताजा निशान पास के खेतों में मिले हैं. 

तीन दिन पहले ही रामा देवी के बच्चे को तेंदुए ने उठाने की कोशिश की थी. रामा देवी ने बताया कि शाम होते ही तेंदुआ यहां घुसा फिर बच्चे को उठा लिया, मैंने गिरकर बच्चे को बचाया. दस दिन के भीतर तेंदुए ने चार बच्चों पर हमला किया, जिसमें दो की मौत हो चुकी है. 

तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने आसपास पांच पिंजड़े भी लगाएं है, लेकिन वह अब तक नहीं फंसा. खाली पिंजड़ा देखकर वन विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ रहा है. अब टीम ड्रोन कैमरे से तेंदुए का सुराग लेने की कोशिश कर रही है. कुछ दिन पहले ड्रोन कैमरे से पता चला था कि तेंदुआ गांव में गेंहू के खेत में घूम रहा था. जंगल से सटे गांवों में तेंदुआ अब गेहूं और गन्ने के खेत को अपना ठिकाना बना रहे हैं. 

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बहराइच के DFO मनीष सिंह ने कहा कि बहराइच के पास में कर्तनिया घाट के जंगल हैं. सरयू नदी का 70 किमी का किनारा है. गेहूं और गन्ने के खेतों में अब तेंदुए अपना आवास बनाते हैं, जिससे फसलों की कटाई के समय हमले बढ़ जाते हैं. 

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जानकार कहते हैं कि कर्तनिया घाट में बाघों की संख्या 25 से बढ़कर 29 हो चुकी है इसलिए तेंदुए अब जंगल से निकल गांवों में आ रहे हैं. यही वजह है कि हाल के दिनों में कर्तनिया घाट के आसपास तेंदुए के इंसानों के ऊपर हमले बढ़ गए हैं. 

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कर्तनिया घाट के बफर जोन के नजदीक गांवों में कैमरे लगाने का काम जोरों पर है ताकि तेंदुवे के आने जाने के पैटर्न को मॉनिटर किया जा सके. WWF के फील्ड आफिसर दबीर हसन का कहना है कि हम लोग 35 गांव में कैमरा लगा रहे हैं ताकि तेंदुए पर स्टडी कर सके और इंसान और तेंदुए के संघर्ष को रोका जा सके. 

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तेंदुआ का हमला

- 2018 में 9 घायल और 7 लोगों की मौत

- 2019 में 20 घायल और 4 लोगों की मौत

- 2020 में 45 घायल और 5 लोगों की मौत

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