यूपी के ललितपुर में वन विभाग की वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने और उनकी जान से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. दरअसल, वन विभाग द्वारा एक विशालकाय मगरमच्छ को पकड़ने के लिए जाल और ट्रैंक्विलाइजर का इस्तेमाल करने की बजाए जेसीबी मशीन और ट्रेक्टर ट्रॉली का इस्तेमाल किया गया और अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पूरा मामला थाना जाखलोंन अंतर्गत जीरोन गांव का है, जहां आज सुबह एक गेहूं के खेत में एक विशालकाय मगरमच्छ के निकलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों की सूचना पर मौके पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने मगरमच्छ के साथ अमानवीयता और वन्य संरक्षित प्राणियों के नियमों को पलीता लगाते हुए जेसीबी मशीन के नुकीले पांचों में कई बार दबाया और जेसीबी के पंजों में दबाकर उसे ट्रेक्टर ट्रॉली में ऊंचाई से पटक दिया. मगरमच्छ जेसीबी से ट्रॉली में गिरा लेकिन हड़बड़ाहट में वह ट्रॉली से उछलकर फिर नीचे जा गिरा, जिससे वन विभाग के कर्मचारियों पर वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए दिए गए प्रशिक्षण पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
बताते चले कि मगरमच्छ या अन्य वन्य जीवों को पकड़ने के लिए तब तक मशीन का इस्तेमाल नहीं जाता जबतक कि वो किसी की जान पर खतरा न बन रहे हों. हालांकि, ललिपुत वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर एक संरक्षित प्रजाति के विशालकाय मगरमच्छ की जान से खिलवाड़ और उसे बचाने के बजाय उसे घायल करते हुए उसकी जान लेने की कोशिश की गई.
हालांकि, वन कर्मियों के द्वारा मगरमच्छ की जान से खिलवाड़ करना मगरमच्छ की जान जोखिम में डालकर जेसीबी मशीन से दबाकर उठाना और उसे ट्रेक्टर ट्रॉली में पटकने के मामले में डीएफओ गौतम सिंह ने मीडिया द्वारा पूरा घटना क्रम बताए जाने के बाद भी कोई बयान जारी नहीं किया. ललितपुर में वन विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी बेतवा नदी में शिकारियों द्वारा डायनामाइट के विस्फोट से मगरमच्छ की मौत और जंगल में शिकारियों के फंदे में फंसकर एक नर तेंदुए की मौत हो चुकी है लेकिन वन्य जीवों के संरक्षण के विपरीत उदासीन और लापरवाह वन कर्मी सबक नहीं ले रहे हैं.