उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के बेहजाम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में छात्राओं को कथित तौर पर कमरे में बंद करने के मामले की घटना में कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गयी है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने शनिवार को बताया कि घटना में नियम के अनुसार कानूनी कार्यवाही शुरू की गई है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सिंह ने कहा कि छात्राओं के हित सर्वोच्च हैं और उनकी पूरी तरह से रक्षा की जाएगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि लखीमपुर खीरी जिले के बेहजाम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की करीब दो दर्जन छात्राओं को उनकी दो शिक्षकों ने बृहस्पतिवार रात कथित तौर पर छत पर बंद कर दिया.
लखीमपुर खीरी के बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया था, 'शिक्षकों ने अनुशासनात्मक आधार पर दूसरे केजीबीवी में हुए उनके तबादले को रद्द करने के लिए जिले के अधिकारियों पर दबाव बनाने के उदेश्य से इस तरह के हथकंडे अपनाए.' बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को चार सदस्यीय पैनल से घटना की जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने जांच दल को तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. केजीबीवी, बेहजाम के दो शिक्षकों गोल्डी कटियार और मनोरमा मिश्रा को लक्ष्मीकांत पांडे द्वारा रामियाबिहार और पलिया ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया गया.
पांडे ने बताया, 'वार्डन ललित कुमारी ने उन्हें और जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा रेणु श्रीवास्तव को घटना के बारे में सूचित किया था, जिसके बाद वे स्कूल पहुंचे थे और वहां कई घंटों तक मौजूद रहे. स्थानीय पुलिस थाना से महिला पुलिस को बुलाया गया और लड़कियों को अपने छात्रावास के कमरे में वापस लाया गया.' उन्होंने बताया, 'इस संबंध में श्रीवास्तव द्वारा दो शिक्षकों मनोरमा मिश्रा और गोल्डी कटियार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के के तहत एक प्राथमिकी दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर शिक्षकों के खिलाफ सेवा अनुबंध को समाप्त करने सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी.