समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में उर्वरक की कमी को लेकर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि अपने खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश के चलते सत्ता में वापसी की सम्भावनाएं खत्म होते देख सरकार ने किसानों को पूरी तरह हाशिये पर रख दिया है. अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा, ''भाजपा सरकार की संवेदनहीनता की हद है कि खाद के लिए किसान घंटों नहीं, कई-कई दिन लाइन लगाने को मजबूर हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है. प्रदेश के तमाम जनपदों में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है पर सरकार कान में तेल डाले बैठी है.'' उन्होंने कहा ''बुंदेलखंड में तो खाद के कानून-व्यवस्था का सवाल बन जाने का खतरा है. जालौन, ललितपुर और झांसी जिलों में सहकारी समितियों में खाद न होने से किसान परेशान हैं. ललितपुर में खाद खरीदने के लिए दो दिन से बिना खाए-पिए लाइन में लगे किसान भोगी लाल की मौत हो गई. उसके परिवार को कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए.''
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ''भाजपा वैसे भी पूंजी घरानों की संरक्षक पार्टी है. उसे अब लग रहा है कि बढ़ते जनाक्रोश के चलते उसकी सत्ता में दोबारा वापसी नहीं होने वाली है. इसलिए वह किसानों को पूरी तरह हाशिये पर रख रही है. किसान आंदोलन को लगभग एक वर्ष हो रहा है, भाजपा सरकार ने अन्नदाता किसान को लांछित करने के साथ लाठियों से पिटवाया और टायरों से कुचलवाया है. न काले कृषि कानून वापस लिए और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को अनिवार्य बनाया. अब किसान पूरी ताकत से भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगा.''
इस बीच सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी में खाद की कमी के सिलसिले में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. यादव ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख राम मांडविया को पिछली 21 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है कि उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी में डीएपी और एनपीके उर्वरक की व्यापक कमी होने के कारण आलू और सरसों की खेती प्रभावित हो रही है और इससे किसानों के सामने भयंकर कठिनाई उत्पन्न हो गई है.
उन्होंने पत्र में कहा कि जिले के किसानों की इस समस्या के मद्देनजर मैनपुरी में कम से कम दो रैक डीएपी और एनपीके खाद उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है. यादव ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री से अनुरोध किया कि मैनपुरी को नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी से दो रैक डीएपी और एनपीके उर्वरक जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए ताकि किसानों को उचित दाम पर खाद मिल सके.