उन्हें नंगा करने का हक किसने दिया... तजम्मुल की पैंट उतारने पर ढाबे के हिंदू मैनेजर ने पूछे तीखे सवाल

यूपी में कांवड़ रूट पर बहुत ऐसे ढाबे हैं, जो सनातन धर्म के देवी देवताओं के नाम से चल रहे हैं. इन ढाबों के कई संचालक मुस्लिम होते हैं. ऐसी खबरें भी आती रही हैं कि जिसमें खाने को अशुद्ध करने की बात सामने आती रही है.

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कांवड़ रूट पर ढाबों को लेकर हुए विवाद पर बोले पंडित जी

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  • हरिद्वार रूट पर ढाबों में कर्मचारियों की पहचान के लिए पैंट उतारने का मामला विवाद में है.
  • मुस्लिम कर्मचारी की पहचान के लिए पैंट उतारी गई, जिसे लेकर ढाबे के मैनेजर ने सवाल उठाए.
  • यशवीर महाराज ने इसे हिंदू आस्था से जोड़ते हुए ढाबों की चेकिंग करवाई है.
  • नई मैनेजमेंट के मुताबिक, ढाबा अब बंद है और तीन दिन से कोई सेवा नहीं मिल रही है.
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मुजफ्फरनगर:

कांवड यात्रा से पहले हरिद्वार रूट पर ढाबों में कर्मचारियों की जांच और एक ढाबे पर पहचान के लिए पैंट उतारे जाने पर बवाल मचा हुआ है. मुजफ्फरनगर में यह अभियान चला रहे यशवीर महाराज जहां इसे हिंदू आस्था से जोड़ रहे हैं, वहीं जिस ढाबे पर मुस्लिम कर्मचारी की पैंट उतारी गई उसके नए मैनेजर ने इस मुहिम पर ही सवाल उठा दिए. कांवड यात्रा से पहले जिस पंडित जी वैष्णो ढाबे पर गोपाल बने तजम्मुल की पहचान के लिए उसकी पैंट उतारी गई एनडीटीवी की टीम ने वहां पहुंचकर पूरे मामले की पड़ताल की. अब ढाबे को छोड़ चुके तजम्मुल ने बताया कि ढाबा चलाने वाले ने ही उसका नाम गोपाल रखवाया था.   

'ढाबा चल नहीं रहा, बड़ा नुकसान हो रहा है'

इस पूरे विवाद पर चर्चा पर में आए वैष्णो ढाबे के नए संचालक सुनील ने बताया कि पुराने मैनेजमेंट ने अपने पास दो स्टाफ रखे हुए थे. एक सनव्वुर था और दूसरा गोपाल यानी तजम्मुल. दोनों को गाड़ी रोकने और ढाबे में बर्तनों की सफाई करने का काम दिया गया था. सुनील के मुताबिक कुकिंग स्टाफ सारा हिंदू था. सुनील बताते हैं कि उनका ढाबा अब बंद हो गया. तीन दिन से ढाबा चल नहीं रहा है. बड़ा नुकसान हो रहा है. 

'उन्हें ढाबों की चेकिंग का अधिकार किसने दिया?'

इस विवाद पर सुनील ने चेकिंग करने वालों पर भी सवाल उठाया है. सुनील कहते हैं कि मामले की जांच अगर पुलिस या प्रशासन की तरफ से की जाए, तो वह ठीक है, लेकिन आम आदमी को चेकिंग का अधिकार किसने दे दिया. धर्म के नाम पर गोली चल रही है. धर्म पूछने के लिए नंगा किया जा रहा है. उसे यह अधिकार किसने दिया. 

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'हिंदू-मुस्लिम मिलाकर चलाते हैं ढाबा'

सुनीत बताते हैं कि कांवड़ रूट के ढाबों में हिंदू-मुस्लिम मिलजुलकर काम करते हैं. कहीं हिंदू मुसलमान के पास काम कर रहा है, तो कहीं मुसलमान हिंदू के पास. सब मिलजुलकर चलता है. किसी ढाबेवाले ने एक पर्सेंट अगर मुस्लिम स्टाफ भी रख लिया है, तो भी शुद्ध शाकाहारी भोजन पकता है. सुनील कहते हैं कि आप किचन में जाकर चेक कर सकते हैं. सुनील बताते हैं कि कांवड के दौरान लहसुन और प्याज का भी इस्तेमाल नहीं होता है.

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वहीं यूपी में हरिद्वार तक कांवड़ रूट पर पड़ने वाले ढाबों की चेकिंग करवा रहे स्वामी यशवीर ने कहा कि सनातन धर्म के भक्त हरिद्वार घूमने आते हैं. इन मार्ग पर बहुत ऐसे ढाबे हैं, जो सनातन धर्म के देवी देवताओं के नाम से चल रहे हैं. इन ढाबों के कई संचालक मुस्लिम होते हैं. ऐसी खबरें भी आती रही हैं कि जिसमें खाने को अशुद्ध करने की बात सामने आती रही है.

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