वो कहते है ना बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी. कानपुर में दो अधिकारियों की लड़ाई की कहानी के साथ भी अब ऐसा ही कुछ होते दिख रहा है. कानपुर DM जितेंद्र प्रताप सिंह और चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच ये बात अब दिल्ली तक पहुंच गई है. इस बात पर बवाल इतना बढ़ा कि BJP दो गुटों में बंट गई है. मामला आर-पार का बन गया है. BJP के कुछ विधायक एक तरफ हैं तो बाक़ी दूसरी तरफ. झगड़ा कानपुर के DM बनाम CMO का है. अखिलेश यादव कहते हैं अब ये झगड़ा CM और डिप्टी सीएम का हो गया है. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक, सब इंतज़ार कर रहे हैं. आख़िर इस झगड़े का द एंड क्या होगा?
CMO ने अपनी कुर्सी पर लगाया भगवा तौलिया
कानपुर के चीफ मेडिकल अफसर हरि दत्त नेमी ने ऑफिस जाना छोड़ दिया है. आज तो उन्होंने अपनी कुर्सी पर भगवा तौलिया लगा दिया है. सीएम योगी जहां भी जाते हैं, उनकी कुर्सी पर भी भगवा तौलिया लगा रहता है. कहा जा रहा हैं कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए सीएमओ ने ऐसा किया है.
पिछले कुछ दिनों से कानपुर के DM से उनकी ठनी हुई है. आरोप है कि डीएम ने एक मीटिंग से उन्हें बेइज्जत कर भगा दिया. डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह और सीएमओ हरि दत्त नेमी ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
DM-CMO के झगड़े में दो खेमे में बंटी भाजपा
मामला अब डीएम और सीएमओ के झगड़े का नहीं रहा. इसी बहाने बीजेपी दो खेमों में बंट गई है. एक गुट सीएमओ के साथ है. दूसरा खेमा डीएम का समर्थन कर रहा है. यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने सीएमओ नेमी का बचाव किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख कर उनकी तारीफ की है. पार्टी के एक और विधायक सुरेन्द्र मैथानी ने भी सीएमओ के लिए पूरी ताक़त झोंक दी है. बीजेपी के एमएलसी अरूण पाठक भी इसी गुट में शामिल हैं
डीएम जितेंद्र सिंह के साथ भाजपा के ये विधायक
डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह के लिए बीजेपी के दूसरे गुट ने एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया है. पार्टी के विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख कर उन्हें बनाए रखने की माँग की है. पार्टी के एक और विधायक महेश त्रिवेदी भी उनके साथ हो लिए हैं. यूपी बीजेपी के बड़े नेता भी धर्म संकट में हैं. बात सिर्फ़ मुख्यमंत्री तक नहीं दिल्ली तक पहुंच गई है. सीएम योगी ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.
CMO दलित, DM ठाकुर, दोनों के झगड़े से सरकार की हो रही जगहंसाई
सीएमओ हरि दत्त नेगी दलित समाज से हैं. जबकि डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ठाकुर हैं. अब सीएमओ को हटाया जाता है तो फिर ये मामला दलित विरोधी हो सकता है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस झगड़े के निपटारे के लिए सीएमओ हटाए जा सकते हैं. कानपुर में अफ़सरों के झगड़े से सरकार की जगहंसाई हो रही है. सीएमओ का मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है.
अखिलेश यादव- सीएम बनाम डिप्टी सीएम का झगड़ा बता रहे
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास ये विभाग है. जबकि डीएम की तैनाती नियुक्ति विभाग से होती है. ये विभाग मुख्यमंत्री के पास है. इसीलिए अखिलेश यादव इसे सीएम बनाम डिप्टी सीएम का झगड़ा बता रहे हैं. वे माहौल बनाने में जुटे हैं कि हार के डर से बीजेपी में कलह तेज हो गई है. दो अधिकारियों के बीच की यह लड़ाई का अगला पड़ाव क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी.