महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग ने काम शुरू किया 

Mahakumbh Stampede Update: योगी सरकार की तरफ़ से जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा. साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा.

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महाकुंभ में हुए भगदड़ की न्यायिक जांच शुरू हो चुकी है.

Mahakumbh Stampede Update: मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के महाकुंभ में भगदड़ हो गई थी. इस हादसे में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है. कई घायल हैं. प्रशासन की तरफ़ से बताया गया है कि बैरिकेडिंग टूटने से भगदड़ हुई थी. मौनी अमावस्या को हुई इस घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर सीनियर अफ़सरों की मीटिंग हुई. व्यवस्था को फ़ुलप्रूफ बनाने पर मंथन हुआ. महाकुंभ में भगदड़ कैसे हुई! इसके लिए योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. 

रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यों का जांच आयोग बना है. आयोग कल यानी 31 जनवरी को प्रयागराज का दौरा करेगा. सरकार के आदेश के चौबीस घंटे में ही न्यायिक आयोग ने काम शुरू कर दिया है. आयोग के बाक़ी दो सदस्य वी के गुप्ता और डी के सिंह हैं. गुप्ता यूपी के डीजी होमगार्ड रह चुके है. सिंह रिटायर आईएएस अधिकारी हैं. आयोग के तीनों सदस्य आज लखनऊ में जनपद वाले अपने ऑफिस पहुंचे.

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने बताया, "क्योंकि जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है." उन्होंने कहा, "हमारे पास एक महीने का समय है, लेकिन फिर भी हम जांच को तेजी से पूरा करने की कोशिश करेंगे.

योगी सरकार की तरफ़ से जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा. साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा. महाकुंभ में सबसे बड़ा पर्व मौनी अमावस्या का माना जाता है. इस दिन अखाड़े के साधु संतों के साथ श्रद्धालु भी स्नान करते हैं. यूपी सरकार का दावा है कि उस दिन क़रीब आठ करोड़ लोगों ने स्नान किया था.

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