- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति ने पद से इस्तीफा दे दिया है
- भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते दिया है इस्तीफा
- यूनिवर्सिटी के अन्य अधिकारियों ने भी की है इस्तीफे की पेशकश
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू (Rattan Lal Hangloo) समेत पांच प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद संस्थान के लगभग सभी हॉस्टल वार्डन ने भी अपने त्यागपत्र की पेशकश की है. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर चितरंजन कुमार ने गुरुवार को बताया, “लगभग सभी हॉस्टल वार्डन भी इस्तीफे की पेशकश करने जा रहे हैं. आज सुबह 8-10 हॉस्टल वार्डन से मेरी बात हुई है. यह उनका अपना निर्णय है. इनमें गर्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल के वार्डन शामिल हैं. विश्वविद्यालय में बाहरी हस्तक्षेप बढ़ गया है और यह संस्थान की स्वायत्तता से भी जुड़ा मामला है.”
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उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हांगलू ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry Of Human Resource Development) और राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेजा.
डॉक्टर चितरंजन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल, वित्त अधिकारी डॉक्टर सुनील कांत मिश्र और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राम सेवक दूबे ने भी बुधवार को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा “मैं आज अपना इस्तीफा सौंप दूंगा.”
प्रोफेसर हांगलू का कार्यकाल पांच वर्ष का था और उन्होंने एक वर्ष पूर्व ही विश्वविद्यालय के कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रोफेसर हांगलू पर महिला उत्पीड़न का आरोप भी लगा था और राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत की गई थी. आयोग ने उन्हें दिल्ली तलब किया था.
राष्ट्रपति से इस्तीफा नामंजूर करने की अपील
इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ कुलपति के समर्थन में आया. उसने कहा, 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दबाव में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस्तीफा दिया था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संघटक महाविद्यालयों के शिक्षकों ने मंत्रालय के इस रवैये का विरोध किया और इसे विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में दखल बताते हुए राष्ट्रपति से अपील की कि कुलपति के इस्तीफा को मंजूर ना किया जाए.