हिंसा से लेकर मंदिर-मस्जिद विवाद या फिर 52 जुमा एक होली....पिछले कुछ दिनों से संभल इन्हीं वजह से ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है. संभल में काफी वक्त से हिंदू-मुसलमान काफी वक्त से भाईचारे के साथ रह रहे हैं. लेकिन पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उसकी वजह से हालात बिल्कुल बदल से गए हैं. यहां कि फिजाओं में एक अजीब सा रंग घुल गया है. जिसकी वजह से इस जगह में अब वो पुरानी बात नहीं दिखती थीं, जैसी कि अब से पहले आम दिनों में होती थीं. इसी को लेकर संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने एनडीटीवी से खास बातचीत की.
पिछले 30 साल से कोई दंगा फसाद नहीं हुआ
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि संभल के अंदर हिंदू और मुसलमान सुकून के साथ रह रहे हैं, यह सच्चाई है कि संभल अति संवेदनशील रहा है. वहां पर पिछले 30 साल से कोई दंगा फसाद नहीं हुआ है. जिनके ऊपर कानून-व्यवस्था संभालने का जिम्मा है, उन्होंने ही माहौल खराब करने का बयान दिया है. ऐसे लोगों को नौकरी पर नहीं रहना चाहिए जो लोगों को लड़ाने का काम करते हैं.
संभल सांसद जियाउर्रहमान
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ये पहली बार नहीं जब होली, जुमा एक दिन
ऐसी पहली बार नहीं है कि दोनों समुदाय के त्योहार एक दिन पड़े हैं. एक अधिकारी इसके काम कानून व्यवस्था संभालने का है उसने ऐसा गलत बयान दिया. ऐसे अधिकारियों को संरक्षण देने की बजाय बर्खास्त किया जाना चाहिए. पहले भी दोनों मजहब के त्योहार एक ही दिन हुए. इसमें कहीं कुछ गलत नहीं होने वाला है. जुमे का दिन है तो मुस्लिम लोग सुकून के साथ नमाज अदा करेंगे और जो हिंदू समाज के लोग हैं, वह होली के रंग खेलेंगे. कुछ नहीं होने जा रहा है सिर्फ राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.
संभल सीओ अनुज चौधरी
संभल के लोग आपसी भाईचारा नहीं तोड़ेंगे
जो लोग गलत मानसिकता के साथ राजनीतिक टिप्पणी कर रहे हैं, उनको अपना इलाज करना चाहिए. हिंदू मुसलमान के ऊपर गलत टिप्पणी कर रहे हैं क्या मतलब बनता है. इस पद पर बैठे हों तो जोड़ने का काम करना चाहिए. धर्म को और देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं. संभल के सीईओ का बयान तोड़ने वाला है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि संभल के लोग आपसी भाईचारा नहीं तोड़ेंगे और अपने अपने धर्म के अनुसार काम करेंगे. कोई नमाज अदा करेगा तो कोई होली खेलेगा.
CO तो अब यहां है, पहले क्या लोगों में भाईचारा नहीं था
सीओ तो अब यहां पर है, पहले क्या संभल के लोगों में आपसी भाईचारा नहीं था. हिंदू समाज के लोग मुसलमान के मोहल्ले में रह रहे हैं और मुस्लिम समाज के लोग हिंदू मोहल्ले में रह रहे हैं यह तो सदियों से होता आया है. जब मिली-जुली आबादी है तो सब मिलकर ही रहते हैं. जो कानून व्यवस्था का मजाक कर रहे हैं, उनको सही में जेल में होना चाहिए. भाईचारा तोड़ने का काम कर रहे हैं. एक पक्ष को दबाने का काम कर रहे हैं. ऐसे अधिकारी जिन्होंने गलत किया है, उनके खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी की सरकार है अगर वही सही होते तो विपक्ष का क्या काम है, लेकिन हमारा देश संविधान से चलता है.