हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने बाबा नारायण साकार हरि (Baba Narayan Sakar Hari) के 6 सेवादारों को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि बाबा को लेकर पुलिस ने कहा कि अगर जांच के दौरान बाबा की भूमिका सामने आई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी वहीं बाबा के सबसे करीबी सेवादार देव प्रकाश पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम रखा गया है. इस बीच एनडीटीवी के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) आया है जिसमें बाबा के इस दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं जिसमें ये कहा गया था कि वो घटना से पहले ही सत्संग स्थल से जा चुका था.
सीसीटीवी फुटेज में सच आया सामने
सामने आया सीसीटीवी फुटेज घटनास्थल से महज 500 मीटर की दूरी का है. जिसमें दोपहर के 1:20 बजे के बाद बाबा अपने काफिला के साथ निकल रहा है. ये वही समय है जब हादसा हुआ था और भगदड़ मची थी. बाबा के काफिले में एक दर्जन से अधिक गाड़ियां आगे चल रही है. काले रंग की ड्रेस में बाबा के कमांडो बुलेट से बाबा को स्टॉक कर रहे हैं. सफेद रंग की कार से बाबा काफिले के साथ निकल रहा है. बाबा की तरफ से लगातार यह दावे होते रहे हैं हादसे से बहुत पहले ही वो घटनास्थल से निकल चुका था.
हाथरस मामले में भोले बाबा को बचा रही पुलिस?
अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर आज प्रेस के सामने आए और अलीगढ़ मामले में पुलिस की अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी. हालांकि, भोले बाबा पर वह कुछ भी खुलकर बोलने से बचते दिखे. पत्रकारों ने जब भोले बाबा पर कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा तो आईजी ने कहा कि इस मामले में आगे किसकी गिरफ्तारी होगी या नहीं, यह केस की जांच कर रहे विवेचक तय करेंगे. आयोग भी इस मामले की जांच कर रही है. विवेचना में किसी का भी रोल सामने आएगा तो कार्रवाई होगी.
हाथरस मामले में अब तक 6 लोग गिरफ्तार
हाथरस मामले में अब तक गिरफ्तार 6 लोगों में 2 महिलाएं हैं. गिरफ्तार किए गए सभी लोग आयोजन समिति के सदस्य और सेवादार हैं. सभी 121 मृतकों की पहचान हो चुकी है. मरने वालों में 2 पुरूष, 112 महिलाएं, 6 बच्चे, 1 बच्ची हैं. सभी का पोस्टमार्टम किया जा चुका है. इस मामले की जांच के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. पूछताछ के लिए अभी 12 लोग पुलिस की हिरासत में हैं. फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर जांच की हैं. मुख्य आरोपी और फरार सेवादार प्रकाश मधुकर पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया है. उनके खिलाफ एनबीडब्लू की भी कार्रवाई होगी.
सूरज पाल से कैसे बने भोले बाबा?
सूरज पाल सिंह पहले अपने पिता के साथ खेती-किसानी करते थे. बाद में यूपी पुलिस में भर्ती हो गए. उनकी पोस्टिंग यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही. 28 साल पहले यूपी पुलिस में हेड कॉन्सस्टेबल की नौकरी के दौरान इटावा में बाबा पर यौन शोषण का मुकदमा दर्ज हुआ. जिसके बाद उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया. कुछ दिनों की जेल भी हुई. जेल से छूटने के बाद सूरज पाल ने अपना नाम, काम और पहचान सबकुछ बदल लिया. वो बर्खास्त पुलिसकर्मी से बाबा बन गए. प्रवचन देने वाले भोले बाबा.
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