यूपी में स्कूल की 'सफलता' के लिए कक्षा-2 के मासूम की 'बलि', निदेशक और स्टाफ गिरफ्तार

यूपी के हाथरस में तंत्र-मंत्र के लिए हत्‍या करने का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. हाथरस में एक स्‍कूल संचालक ने दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र की गला दबाकर हत्‍या कर दी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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हाथरस:

उत्‍तर प्रदेश के हाथरस में तंत्र-मंत्र के चक्‍कर में एक 7 साल के बच्‍चे की हत्‍या के सनसनीखेज मामले ने लोगों को चौंका दिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की बलि दी जानी थी, लेकिन इस बीच गला दबाकर उसकी हत्‍या कर दी गई. हत्‍या का ये मामला तंत्र-मंत्र से जुड़ा है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अपर पुलिस अधीक्षक हाथरस अशोक कुमार ने बताया, 'हाथरस के थाना सहपऊ पुलिस द्वारा बच्चे की हत्या की घटना की गुत्‍थी सुलझा ली गई है. इस मामले में 5 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. सभी आरोपियों को न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया गया और मामले की जांच की जा रही है.

छात्र के पिता कृष्ण कुशवाह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, सोमवार को स्कूल प्रशासन की ओर से उन्हें फोन करके बताया गया कि उनका बेटा बीमार पड़ गया है. पुलिस ने बताया कि जब कुशवाह स्कूल पहुंचे, तो अधिकारियों ने उन्हें बताया कि स्कूल निदेशक उनके बेटे को अपनी कार में अस्पताल ले गए हैं. बाद में उन्होंने अपने बेटे का शव बघेल की कार से बरामद किया.

हाथरस पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दूसरी कक्षा के छात्र की हत्या स्कूल के बाहर ट्यूबवेल पर करने की योजना बनाई गई थी. लेकिन बच्चे को जब स्कूल के कमरे से लेकर निकल रहे थे, तभी बच्चा जाग गया. इसलिए घबरा कर 3 आरोपियों ने बच्चे का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी.' बताया जा रहा है कि इस स्कूल के संचालक का पिता तंत्र-मंत्र करता था.

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आरोपियों ने पुलिस को बताया कि 6 सितंबर को इन्‍होंने राज नाम के 9 साल के बच्चे की बलि देने की प्‍लानिंग की थी, जो फेल हो गया था. राज की गला दबाने की कोशिश की थी, लेकिन बच्चे ने शोर मचा दिया था. राज का मेडिकल करवाया गया था, जिसमें पता चला था कि गला दबाने की कोशिश हुई. जांच में स्कूल के पीछे लगाए गए नल कूप से पूजा पाठ का सामान मिला था, जिस से पुष्टि हुई की तंत्र- मंत्र किया जा रहा था.

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्‍या का मकसद बलि देने था, आरोपियों को ऐसा लगता था कि बलि देने से स्कूल की समृद्धि होगी. स्कूल के संचालकों ने कुछ कर्ज भी लिया हुआ था, जिसकी वजह से वे बेहद परेशान थे. ऐसे में जब 6 सितंबर को बच्‍चे की बलि देने की प्‍लानिंग फेल हो गई, तब दूसरी कक्षा के छात्र की बलि देने की योजना 22 सितंबर को बनाई गई.

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