गोरखपुर : शराब परोसने में देरी हुई तो बार टेंडर को पीट-पीटकर मार डाला

एक साथी ने गुंड़ों को रोकने की कोशिश की तो उसे भी बुरी तरह मारा गया, वो अब अस्पताल में भर्ती हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर.

लखनऊ:

गोरखपुर के 6 पुलिस वालों पर व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या की एफआईआर तो नहीं हुई, लेकिन जिस होटल में मनीष मारे गए, उसके पास ही एक बार में शराब परोसने में देरी होने पर गुंड़ों ने एक बार टेंडर को पीट कर मार डाला. इस बीच एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई करने का मामला दर्ज करवाया है.  बेखौफ गुंडे गरीब बार टेंडर को बुरी तरह पीट रहे हैं. इतना पीटा कि वो बर्दाश्त ना कर सकता और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया. उसके एक साथी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उसे भी बुरी तरह मारा गया, वो अब अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उसका इलाज चल रहा है. उसका गुनाह इतना था कि उससे शराब परोसने में थोड़ी देरी हो गई थी.

गोरखपुर की एसपी सिटी सोनम कुमार ने कहा, 'सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल वहां मौके पर पहुंची और वहां से उसे बीआरडी अस्पताल कॉलेज लेकर गई. वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस इसकी छानबीन में लगी है, जो लोग यहां से भागे हैं, उसकी सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं.'

मनीष गुप्ता की मौत की जांच करने गोरखपुर के एडीजी-जोन अखिल कुमार मौका-ए-वारदात पर होटल करिश्मा प्लेस पहुंचे और छानबीन की. गोरखपुर के एडीजी-जोन अखिल कुमार ने कहा, 'सभी बिंदूओं पर छानबीन के लिए कहा गया है. जो घटना स्थल पर गवाह हैं. उनकी जो मेडिकल रिपोर्ट आई हैं, किन परिस्थितियों में यह चेकिंग चल रही थी? कौन-कौन उसमें शामिल रहे हैं? सभी बिंदूओं पर जांच होगी और उस पर निर्णय आगे वो लोग लेंगे.'

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गोरखपुर के डीएम और एसएसपी के वायरल वीडियो से भी प्रशासन और सरकार की बहुत बदनामी हुई है. अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस पर ट्वीट कर सरकार पर हमला किया है. उन्होंने लिखा है, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश की किस तरह से छवि बना रहे हैं. एक निर्दोष कोराबारी की निर्मम हत्या के बाद जिला स्तर के अधिकारी एफआईआर ना करने का दबाव बनाते रहे. प्रदेश स्तर के बड़े अधिकरी ने आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने वाली बयानबाजी की. ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए.'

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उधर, रामपुर के एक आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है. उनका कहना है कि दोनों अधिकारियों की भूमिका शक के घेरे में है. लिहाजा उनकी जांच कर कार्रवाई हो. दानिश खान ने कहा, 'मेरी शिकायत को दर्ज कर लिया गया है. जल्द से जल्द उसमें कार्रवाई होगी. मेरा कहना है कि इसमें डीएम और वहां के एसएसपी की भूमिका संदिग्ध है, उसकी जांच होनी चाहिए.'

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