फिल्म निर्माता बोनी कपूर और भूटानी इंफ्रा समर्थित कंपनी ‘बेव्यू प्रोजेक्ट्स' ने बहुप्रतीक्षित नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी के पहले चरण के विकास के लिए मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है और उम्मीद है कि मंजूरी के बाद तीन साल में काम पूरा हो जाएगा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ‘बेव्यू प्रोजेक्ट्स' के लिए कपूर ने मंगलवार को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) को मास्टर प्लान सौंप दिया.
प्रथम चरण में क्या-क्या होगा?
- फिल्मिंग सुविधाएं: 135 एकड़ में विकसित होगी
- फिल्म संस्थान: 20 एकड़ भूमि में बनेगे
- व्यवसायिक गतिविधियां: 75 एकड़ हो सकेगी
उत्तर प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना दिल्ली के निकट यमुना एक्सप्रेसवे से सटे वाईईआईडीए के सेक्टर 21 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत 1,000 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी. पहले चरण में लगभग 230 एकड़ भूमि विकसित की जाएगी.
कुल 1510 करोड़ रुपये होंगे खर्च
- फिल्म निर्माण के संसाधन पर खर्च: 832.91 करोड़
- स्टूडियो, ओपन सेट्स सहित हास्पिटैलिटी: 373.93 करोड़
- सर्विस एकोमोडेशन: 315.07 करोड़
सिंह के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कपूर ने फिल्म सिटी के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण को विस्तार से बताया तथा भारत में फिल्म निर्माण में क्रांति लाने तथा वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने की इसकी क्षमता पर जोर दिया. कपूर ने कहा कि परियोजना के पहले चरण में ध्वनि मंच और एक समर्पित फिल्म विश्वविद्यालय का निर्माण शामिल होगा.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का निर्माण देश भर से, विशेषकर उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है, ताकि लोग पटकथा लेकर आएं और उसपर फिल्म बन सके. कपूर ने कहा कि ये सुविधाएं फिल्म निर्माण के बाद की प्रक्रिया (पोस्ट-प्रोडक्शन) सहित निर्माण के सभी पहलुओं को शामिल करेंगी. उन्होंने कहा कि पहला चरण तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है, जो फिल्म सिटी के विस्तार के लिए आधार का काम करेगा.
कपूर दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को इस बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका मकसद सभी तरह की सुविधाएं एक ही जगह देने का है.
कपूर संसद की दर्शक दीर्घा के समान एक व्यवस्था स्थापित करने की योजना भी रखते हैं जहां जनता शूटिंग देख सकती है और ब्रेक के दौरान निर्देशकों या अभिनेताओं के साथ बातचीत कर सकती है.