गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे नटवरलाल को गिरफ्तार किया है, जो खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बढ़कर सरकारी सुविधा लिया करता था. पुलिस ने इसके कब्जे से इसकी मर्सिडीज़ कार बरामद की है. कार पर भी डिप्लोमेट वाली नीली नंबर प्लेट थी साथ ही लाल बत्ती लगी हुई थी.
आगरा का है रहने वाला
गाजियाबाद की पुलिस गिरफ्त में आया ये आदमी कोई मामूली आदमी नहीं है. यह आदमी दो यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रहा है. चार यूनिवर्सिटी में एसोसिएट वाइस चांसलर रहा है और कई कॉलेजों में प्रोफेसर और भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय में एक्सपर्ट एडवाइजर रहा है. यह व्यक्ति आगरा का रहने वाला डॉक्टर कृष्णा शेखर राणा है, लेकिन इसके फर्जीवाड़े को जानेंगे तो चौंक जाएंगे. पुलिस के मुताबिक, यह खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बता कर प्रोटोकॉल और अन्य सरकारी सुविधा लेता था.
संदेह होने पर हुई जांच
गाजियाबाद पुलिस से भी इसने ऐसा ही प्रोटोकॉल मांगा था. हालांकि, गाजियाबाद पुलिस का दावा है कि इसको प्रोटोकॉल दिया भी गया था, लेकिन संदेह होने पर जब जांच और पूछताछ की गई. तब यह खुलासा हुआ कि यह हाई कमिश्नर नहीं है. गाजियाबाद पुलिस ने इसके कब्जे से इसकी पर्सनल मर्सिडीज़ कार बरामद की है. उस कार पर नीले कलर की नंबर प्लेट लगी हुई थी, जो डिप्लोमेट लगाते हैं. साथ ही लाल बत्ती भी लगी हुई थी. कुछ विजिटिंग कार्ड भी मिले हैं, जिसमें इसने खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बताया है.
पुलिस के मुताबिक, देश के अलग-अलग राज्यों में यह खुद को हाई कमिश्नर बता कर सरकारी सुविधा ले चुका है. पुलिस ने इस नटवरलाल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है, लेकिन अभी भी जांच में जुटी है कि इसने कहां-कहां और कैसे-कैसे करके सरकारी सुविधा ली और अब तक किन-किन लोगों को चूना लगाया है.