नशे के लिए इस्तेमाल दवाओं के खिलाफ यूपी में सख्ती, कानपुर में साढ़े सात करोड़ की दवाएं जब्त

कानपुर में औषधि विभाग की कई टीमों ने बुधवार को कानपुर में दवाओं की कई गोदामों पर छापा मारा. इस दौरान साढ़े सात करोड़ रुपये की दवाएं जब्त की गईं.

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कानपुर:

उत्तर प्रदेश के कानपुर में औषधि विभाग ने नशीली दवाओं के कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉक्टर रोशन जैकब के नेतृत्व में मंगलवार को एक औषधि निरीक्षण टीम ने कानपुर नगर में छह स्थानों पर छापेमारी की. इन टीमों में कई जिलों से आए अधिकारी और ड्रग विभाग की इंस्पेक्टर शामिल थे. यह कार्रवाई शासन के आदेश पर नशीली दवाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाली कोडीन युक्त कफ सिरप, स्पास्मो-प्रॉक्सीवॉन  और ट्रामाडोल टैबलेट्स की अवैध बिक्री और वितरण को रोकने के लिए की जा रही है.इस दौरान कानपुर के बिरहाना रोड स्थित दवा मार्केट में अग्रवाल ब्रदर्स, वेदांस फार्मा, साइको और मेडिशना जैसे प्रमुख दवा वितरकों के गोदामों में पर छापा मारा गया. इस दौरान साढे सात करोड़ की नशीली दवाएं जब्त की गई हैं. 

कानपुर की किन दुकानों पर हुई कार्रवाई

विनोद अग्रवाल और शिवम अग्रवाल के अग्रवाल ब्रदर्स के औषधि गोदाम और होलसेल डीलरशिप की जांच में भारी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप और ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद की गई है. इन दवाओं की बिक्री और वितरण से संबंधित कोई भी वैध अभिलेख मौके पर उपलब्ध नहीं था. इससे उनकी अवैध प्रकृति का पता चलता है. इसके अतिरिक्त, जांच दल को गोदाम में बड़ी मात्रा में एक्सपायर्ड दवाएं भी मिलीं हैं. इससे दवा सुरक्षा मानकों के उल्लंघन का भी खुलासा हुआ.छापेमारी के दौरान अग्रवाल ब्रदर्स ने कंप्यूटर और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को गायब करने का प्रयास किया.  
 

कानपुर में दवाओं के एक गोदाम में छापा मारकर स्टॉक की जांच करते अधिकारी.

आयुक्त, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन डॉक्टर रोशन जैकब ने इन गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए संबंधित औषधि विक्रेताओं के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट और बीएनएस में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे.उन्होंने यह भी आदेश दिया था कि छापेमारी जारी रखी जाए और अनियमितता पाए जाने वाले गोदामों को सील किया जाए.

छापे के बाद अधिकारियों ने क्या कहा 

इस छापेमारी में साढ़े सात करोड़ की नशीली दवाएं पकड़ी गई हैं. इस मामले में प्रशासन ने छह लोगों के खिलाफ  एफआईआर दर्ज कराई है. ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया कि इस कार्रवाई के लिए कानपुर के साथ-साथ कानपुर देहात, औरैया और झांसी जैसे जिलों से भी अधिकारियों को बुलाया गया था. उन्होंने बताया कि छापे से पहले ही अग्रवाल ब्रदर्स ने अपने कंप्यूटर को वहां से हटा दिया. इसकी वजह से अधिकारी रिकॉर्ड नहीं देख पाए. उन्होंने बताया कि अग्रवाल ब्रदर्स के गोदाम को सील कर दिया गया है. सचान ने बताया कि सत्यापन के लिए गोदाम को खोला जाएगा. उसकी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई को मकसद नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं का व्यापार रोकना था. 

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