यूपी में अब शुक्रवार को रात 8 बजे से मंगलवार को सुबह 7 बजे तक साप्ताहिक लॉकडाउन होगा

UP Coronavirus: COVID-19 के प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए दिशा-निर्देश

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो).
लखनऊ:

UP Coronavirus: उत्तर प्रदेश में कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि कोविड संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में हमें और सतर्कता बरतनी होगी. सभी जिलों में रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी प्रभावी है. संक्रमण प्रसार को कम करने में कोरोना कर्फ्यू बहुत उपयोगी हो रही है. ऐसे में अब शुक्रवार रात्रि 8 बजे से मंगलवार प्रातः 7 बजे तक साप्ताहिक बन्दी होगी. इस अवधि में केवल आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं ही यथावत जारी रहेंगी. औद्योगिक गतिविधियां और वैक्सीनेशन कार्य साप्ताहिक बंदी में भी जारी रहेंगी. इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.

उन्होंने कहा कि रेमडिसिविर इंजेक्शन की प्रदेश में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है. सभी जिलों में हर दिन रेमडिसिविर उपलब्ध कराई जा रही है. सरकारी अस्पतालों में यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है. जिला प्रशासन इस दवा की मांग,आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण जरूर रखें.

डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में सभी सुविधाओं से युक्त कोविड अस्पताल तैयार कराया गया है. जल्द ही यह क्रियाशील हो जाएगा. स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर इस कोविड अस्पताल के संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित कराए.

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योगी ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर होती जा रही है. उत्तर प्रदेश में उपलब्ध सभी संसाधनों को आपूर्ति चेन से जोड़ने के साथ-साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस, वायु मार्ग जैसे विशेष साधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. रुड़की, देहरादून, जमशेदपुर, बोकारो आदि क्षेत्रों से ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति हो रही है. कल की तरह आज भी 650 मीट्रिक टन से अधिक की आपूर्ति होनी है. सभी जिलों के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों की जरूरत पर नजर रखी जाए. उन्हें आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए.

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सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड के खिलाफ लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लड़ रहा है. कोविड की पहली लहर के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों को प्राथमिकता के साथ बेहतर किया गया है. यह काम लगातार जारी है. हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. आज 116000 से अधिक एल-1 के बेड्स हैं तो एल-टू व एल-3 के 65000 से अधिक बेड हैं. सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं, इसके साथ-साथ निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेज को भी इसमें जोड़ा जाए.  सभी विकल्पों की परख करते हुए  कोविड बेड को वर्तमान क्षमता से दोगुनी करने की कार्यवाही हो. सभी बेड पर ऑक्सीजन आदि जरूरी चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण की तेज दर में मरीजों की तादाद बढ़ी है. इस बार की लहर में ऑक्सीजन की मांग सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ी है. इस संबंध में व्यवस्था कराई जा रही है. किंतु कुछ लोग अनावश्यक भय के कारण ऑक्सीजन सिलिंडर की जमाखोरी करने में लग गए हैं. रेमेडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की कालाबाजारी कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. आपदा की इस स्थिति में मुनाफाखोरी की घटनाएं शर्मनाक हैं. इस पर कार्रवाई की जाए.

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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टेलीकन्सल्टेशन को और प्रभावी बनाने की जरूरत है. होम आइसोलेशन में उपचाराधीन मरीजों को हर दिन स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाए. नॉन कोविड मरीजों को भी टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा मिले. चिकित्सकों से संपर्क नम्बर, समय और विशेषज्ञता के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. इसके लिए जिले स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों में विशेष टीम गठित की जानी चाहिए. 

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित करें. लोगों को सही जानकारी दी जाए. किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमेडेसीवीर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है. अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों के संग्रहण कर रहे हैं. इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए जरूरी टेस्टिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तर प्रदेश ने अब तक चार करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट कर लिए हैं. यह देश में किसी राज्य द्वारा किया जाने वाला सर्वाधिक टेस्ट है. टेस्टिंग कैपिसिटी को दोगुनी करने का काम तेजी से किया जाए. कतिपय जिलों में कुछ अस्पतालों द्वारा मरीजों से अवैध वसूली की शिकायत मिली है.फर्जी चिकित्सकों की भी खबरें आई हैं. यह लोग मानवता के अपराधी हैं. इनकी सार्वजिनक निंदा होनी चाहिए. पुलिस ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बढ़ाए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. विदेश से भी टैंकरों की आपूर्ति है. उद्योग जगत से भी सहयोग मिल रहा है. ऐसे में आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है. 64 टैंकर इसी कार्य में लगाए गए हैं. इसके अलावा, 20 टैंकर विभिन्न जिलों में सीधे अस्पतालों को आपूर्ति कर रहे हैं. भारत सरकार से भी आठ नए टैंकर मिल रहे हैं. सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें. उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जाए. ऑक्सीजन ऑडिट का काम तेजी से किया जाए. 

होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए. सीएम हेल्पलाइन से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए. तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हें दवाओं की मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए. ऐसे मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किया जाए. पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष प्रयास की जरूरत है. गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग के परस्पर समन्वय से पुलिस लाइन में आवश्यक प्रबंध किए जाएं. प्रत्येक पुलिस लाइन में कोविड सहायता केंद्रो तथा आइसोलेशन वार्ड की सुविधा होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में संलग्न कोविड वॉरियर्स के साथ अभद्रता की कुछ घटनाएं निंदनीय हैं. स्वास्थ्यकर्मी पूरी प्रतिबद्धता के  साथ हमारी-आपकी सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं, उनके साथ अभद्रता कतई स्वीकार नहीं की जा सकती. जिला प्रशासन ऐसी घटनाओं पर कठोरतम कार्रवाई करें. प्रत्येक दशा में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए.

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