वाराणसी में कोरोना वायरस का कहर, बीमारों की नहीं हो पा रही जांच

लगातार स्थिति बिगड़ रही, जिला प्रशासन को यह एडवाइजरी जारी करनी पड़ी कि बिना बहुत जरूरी काम के बनारस में ना आएं

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प्रतीकात्मक फोटो.
वाराणसी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र इन दिनों कोरोना से बेहाल हो चुका है. सारी व्यवस्था चरमरा गई है. हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. अस्पतालों में जगह नहीं है, दवाइयां नहीं हैं, जांच नहीं हो पा रही है. हालात यह हो गए हैं कि अब जिला प्रशासन को यह एडवाइजरी जारी करनी पड़ी कि बिना बहुत जरूरी काम के बनारस में ना आएं. डॉक्टर का इंतजार करते मरीज.. लंबी-लंबी लाइनों में लगे मरीज.. एंबुलेंस से उतरकर स्ट्रेचर पर जाते मरीज.. टैंपों से उतरकर स्ट्रेचर पर भागते मरीज... अपने परिजनों से बिछड़ जाने पर रोते हुए लोग...  यह हाल है कोरोना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का.  50 सालों से यहां निकल रहे अखबार जनवार्ता के संपादक कहते हैं कि ऐसा मंजर कभी नहीं देखा. 

संपादक राज कुमार सिंह ने कहा कि ''मेरा 20 साल का पत्रकारिता जीवन है और कोरोना के नाम से ही रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. बनारस में त्राहि-त्राहि मची है. बनारस को जिंदा शहर कहा जाता है लेकिन आज इस जिंदा शहर में हर तरफ रोगी दिख रहे हैं, एंबुलेंस दिख रही हैं, सन्नाटा पसरा है. मैं आपसे बात कर रहा हूं मेरे जेहन में अनेक परिचित ऐसे लोग हैं जिनकी यादें जब आती हैं आंखें नम हो जाती है स्थिति बेकाबू है.''

जिले के मंडली अस्पताल दीनदयाल में कोविड की जांच के लिए लंबी लाइन थी जो इसकी भयावहता को बयां करती है. बीमार मरीज को 2 दिन 3 दिन सिर्फ जांच के लिए दौड़ना पड़ रहा है. प्रशांत दुबे ने कहा कि ''हम आए थे यहां कोविड-19 का टेस्ट करा लें. इसको लेकर हम दो-तीन दिन से चक्कर लगा रहे हैं. रोज बोला जा रहा है कि आज का हो गया कोटा. हम लंका से आ रहे हैं दो-तीन चक्कर लगा चुके हैं.''

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प्रबंधक, इंडियन बैंक अजय कुमार शर्मा ने कहा कि ''मैं बैंक में प्रबंधक हूं यहीं इंडियन बैंक गोविंदपुर रोहनिया ब्रांच में. हमें लग रहा है कि हम कोरोना के चपेट में आ गए. कस्टमर आते हैं. हमें दो-तीन दिन से बहुत ज्यादा तकलीफ है. बता रहे हैं कि आज नहीं होगा कल आ पाएंगे रजिस्ट्रेशन होगा फिर उसके बाद यह बुलाएंगे.'' 

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दवा की दुकान और दवा मंडी में भी कोरोना की जरूरी दवाई लेने के लिए भीड़ लगी है लेकिन बाजार से दवा गायब है. दवा विक्रेता संजय कुमार ने कहा कि इस समय रेमडीसीवर इंजेक्शन मार्केट में अवेलेबल नहीं है. टेबलेट में फेरी फ्लू आता है. बहुत सारे लोग आ रहे हैं लेने के लिए लेकिन मिल नहीं रहा है. कंज्यूमर परेशान हैं.

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हाथ से फिसलते इन हालात को देखकर अब जिला प्रशासन एक एडवाइजरी जारी कर रहा है जिसमें अपील है कि बिना बहुत जरूरी काम के बनारस ना आएं. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते हुए केसेस को देखते हुए अब हमें कुछ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे. इसी के मद्देनजर काशी विश्वनाथ मंदिर में संपूर्णानंद मंदिर में जहां भीड़ हो रही थी वहां सभी जगह आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट 3 दिन पुरानी नहीं होनी चाहिए. आप के माध्यम से यह अपील करना चाहते हैं कि बाहर से आने वाले आसपास के जिलों से आने वाले अगर बहुत जरूरी हो तभी बनारस आएं.

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वाराणसी ने कभी कोरोना का ऐसा कहर नहीं देखा था. हालात यह है कि प्रशासन अस्पताल आम लोग सब इसके आगे लाचार और बेबस नजर आ रहे हैं. 

जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है कि देश विदेश से वाराणसी आने का कार्यक्रम बनाने वाले सभी व्यक्तियों और यात्रियों से अपील है कि वाराणसी में अभूतपूर्व कोविड संक्रमण फैल जाने की वजह से अप्रैल के पूरे महीने में वाराणसी ना आएं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी सूचित किया जाता है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी दिनांक 14 अप्रैल से प्रवेश के लिए कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट आवश्यक कर दी गई है. इसके बिना प्रवेश नहीं दिया जाएगा. बाहरी प्रदेशों से आने वाले यात्रियों को शहर में ठहरने के लिए भी शीघ्र कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की व्यवस्था लागू की जाएगी.

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