यूपी निकाय चुनाव में कांग्रेस अमेठी में भी बुरी तरह हार गई है
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह चुनाव में मिले जनादेश का सम्मान करती है और प्रदेश के जागरूक मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करती है. पार्टी ने कहा है कि निकाय चुनाव के परिणामों का पार्टी का प्रदेश नेतृत्व विस्तृत समीक्षा करेगा. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने शुक्रवार को कहा, "सत्तारूढ़ दल के इशारे पर जिस प्रकार चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया, उसके बावजूद नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों में कांग्रेस पार्टी ने अपनी जबर्दस्त उपस्थिति दर्ज कराई है और कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में आम जनता दिखाई दी है."
बीजेपी के 'जनेऊ जाल' में फंस गई कांग्रेस!
पांडेय ने कहा, "किंतु, चुनाव परिणाम आशा के अनुरूप न आने पर कांग्रेस उन कारणों पर विस्तृत विचार विमर्श करेगी. कुछ दिन पूर्व तक प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल दिख रहा था, परंतु किन गड़बड़ियों के चलते, चाहे उसमें ईवीएम रही हो, मतदाता सूची रही हो, प्रशासनिक दुरुपयोग रहा हो या कोई और गड़बड़ी रही हो, पार्टी का प्रदेश नेतृत्व इसकी विस्तृत समीक्षा करेगा."
वीडियो : 16 नगर निगमों में से 14 पर कब्जा
प्रवक्ता ने कहा, "निकाय चुनाव परिणाम से यह साबित हो गया है कि भाजपा की लोकप्रियता पिछले निकाय चुनाव की तुलना में केंद्र एवं प्रदेश में सत्ता में रहने के बावजूद काफी घटी है और आम जनता में केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ा है. उप्र में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनाव की कमान स्वयं संभाल रहे थे, इन सबके बावजूद पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को आम जनता का समर्थन मिला है."
इनपुट : आईएनएस
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पांडेय ने कहा, "किंतु, चुनाव परिणाम आशा के अनुरूप न आने पर कांग्रेस उन कारणों पर विस्तृत विचार विमर्श करेगी. कुछ दिन पूर्व तक प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल दिख रहा था, परंतु किन गड़बड़ियों के चलते, चाहे उसमें ईवीएम रही हो, मतदाता सूची रही हो, प्रशासनिक दुरुपयोग रहा हो या कोई और गड़बड़ी रही हो, पार्टी का प्रदेश नेतृत्व इसकी विस्तृत समीक्षा करेगा."
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प्रवक्ता ने कहा, "निकाय चुनाव परिणाम से यह साबित हो गया है कि भाजपा की लोकप्रियता पिछले निकाय चुनाव की तुलना में केंद्र एवं प्रदेश में सत्ता में रहने के बावजूद काफी घटी है और आम जनता में केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ा है. उप्र में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनाव की कमान स्वयं संभाल रहे थे, इन सबके बावजूद पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को आम जनता का समर्थन मिला है."
इनपुट : आईएनएस
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