लखनऊ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भ्रष्टाचार की शिकायत

आरोप है कि कम अंक पाने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, ज्यादा अंक वालों को कॉल ही नहीं आया, उन लोगों को भी इंटरव्यू के लिए बुलाया गया जिन्होंने परीक्षा तक नहीं दी

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लखनऊ विश्वविद्यालय.
नई दिल्ली:

लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग में हो रही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्तियों में पारदर्शी मानक न होने की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्यपाल से की गई है. इस शिकायत में कहा गया है कि भर्ती का विज्ञापन तो निकाला गया लेकिन स्क्रीनिंग की नियमावली क्या होगी, इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई. साथ ही राज्यपाल के निर्देश हैं कि परीक्षा के बाद शैक्षणिक स्कोर और लिखित स्कोर के प्राप्तांक की मेरिट बनाई जाए जिसके आधार पर इंटरव्यू में बुलाया जा रहा है. लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग की तरफ से पोर्टल पर न तो शैक्षणिक और न ही लिखित परीक्षा का स्कोर दिखाया गया बल्कि व्यक्तिगत तौर पर सभी को भेजा गया. 

यही नहीं पोर्टल पर इस बात की भी जानकारी नहीं है कि जिन लोगों को इंटरव्यू में बुलाया गया उनको किस आधार पर कॉल किया गया है. चंद्रेश सिंह नाम के परीक्षार्थी का आरोप है कि कम अंक पाने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया जबकि ज्यादा अंक वालों को  कॉल ही नहीं आया. यही नहीं उन लोगों को भी इंटरव्यू के लिए बुलाया गया जिन्होंने परीक्षा तक नहीं दी. 

अभ्यर्थियों का ये भी आरोप है कि नियम यह है कि साक्षात्कार के 15 दिन पहले अभ्यर्थियों को सूचना देनी होती है, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय में भर्ती के लिए साक्षात्कार 9,10 और 11 तारीख को है और मेल 6 तारीख को आए है. विश्वविद्यालय की भर्ती को लेकर यह शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई हैं. 

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उधर जब इन शिकायतों के बावत वनस्पति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नलिनी पांडेय से बात की गई तो उनका कहना है कि कुछ शिकायतें आई थीं जिनको ठीक कर लिया गया था. लेकिन प्राप्तांक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड किए गए इस बाबत उनका कहना था कि सभी अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत तौर पर प्राप्तांक भेज दिए गए हैं. अगर किसी को जानकारी चाहिए तो RTI के जरिए वह ले सकता है. उनका कहना है कि ऐसा हो ही नहीं सकता है कि बिना परीक्षा दिए किसी को इंटरव्यू के लिए बुला लिया जाए.

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