महाकुंभ 2025: सीएम योगी का बड़ा फैसला, श्रद्धालुओं की सेवा करने वालों को किया जाएगा सम्मानित

प्रयागराज महाकुंभ ख़त्म होने में अब बस चार दिन बचे हैं. महाशिवरात्रि पर आख़िरी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ फिर से बढ़ने लगी है.

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प्रयागराज के महाकुंभ में आखिरी स्नान 26 फरवरी को
प्रयागराज:

महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर बीतते दिन के साथ नए कीर्तिमान बना रहा है. अभी तक के आंकड़ों के अनुसार 13 जनवरी से अब तक 62 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु यहां पवित्र डुबकी लगा चुके हैं. श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या के बावजूद भी महाकुंभ में साफ सफाई और अन्य व्यवस्थाएं शुरू से ही दुरुस्त रही हैं. पीएम मोदी ने भी महाकुंभ में साफ सफाई का खासा ध्यान रखने वाले सफाई कर्मचारियों की जमकर तारीफ की है. पीएम मोदी ने बीते दिनों कहा कि संगम में स्नान करने आए श्रद्धालु ऐसे लोगों का गुणगान कर रहे हैं जो महाकुंभ में साफ सफाई का जिम्मा उठाए हुए हैं. मैं भी इन कर्मचारियों की सराहना करता हूं. पीएम से मिली इस सराहना के बाद अब सीएम योगी ने भी इन सफाई कर्मचारियों को सम्मानित करने का फैसला किया है. 

महाकुंभ को सफल बनाने में यूपी सरकार ने झोंकी ताकत

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौक़े पर जाकर इंतज़ाम देखते हैं. प्रयागराज महाकुंभ ख़त्म होने में अब बस चार दिन बचे हैं. महाशिवरात्रि पर आख़िरी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ फिर से बढ़ गई है. पिछले चार दिनों में सीएम योगी तीन बार प्रयागराज पहुंच चुके हैं. कभी साधु संतों से मिलने तो कभी अधिकारियों की बैठक के लिए तो कभी व्यस्था देखने. यूपी सरकार ने सनातन धर्म के इस आयोजन में पूरी ताक़त झोंक दी है. 

महाकुंभ में आख़िरी स्नान 26 फ़रवरी को

प्रयागराज के महाकुंभ में आख़िरी स्नान 26 फ़रवरी को है. इसके ठीक अगले दिन सीएम योगी एक बार फिर महाकुंभ के मेले में रहेंगे. लेकिन इस बार वे उन लोगों का सम्मान करेंगे, जिन्होंने डेढ़ महीने तक यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा की. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी सफ़ाई कर्मियों की सम्मान करेंगे. उनका आभार जतायेंगे. जिन्होंने अपने घर परिवार की चिंता न करते हुए लगातार लोगों की सेवा करते रहे. सीएम ऑफिस के सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ नाविकों का भी सम्मान करेंगे. 

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सीएम श्रद्धालुओं की सेवा करने वालों का करेंगे सम्मान

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फ़ैसले के राजनीतिक मायने भी हैं. राजनीति भी एक धर्म ही है. महाकुंभ के बहाने योगी सरकार की कोशिश हिंदू वोटरों को एकजुट करने की है. इसके साथ ही वे सोशल इंजीनियरिंग के विस्तार की तैयारी में भी हैं. स्वच्छता कर्मियों का सम्मान कर समाज के पिछड़े और दलित वर्ग का मान बढ़ाना चाहते हैं. नाविकों का सम्मान निषाद वोटरों के मन को छूने का प्रयास है. इसी तरह की कोशिश पीएम नरेन्द्र मोदी ने साल 2019 में की थी. लोकसभा चुनाव का समय भी था. प्रयागराज में कुंभ का मेला लगा था. प्रधानमंत्री ने 5 सफ़ाई कर्मियों के पैर धोकर उनका सम्मान किया था.  

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महाकुंभ से राजनैतिक संदेश दे रही सरकार

पीएम नरेंद्र मोदी की इसी पहल को सीएम योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ाने के मूड में है.  अखिलेश यादव के PDA को तोड़ने का एक प्रयास भी इसे समझा जा सकता है. योगी सरकार की तरफ़ से महाकुंभ को सनातन का सबसे बड़ा पर्व कहा गया है. सफ़ाईकर्मी और नाविकों का सम्मान कर उनकी सेवा का आभार जता कर बड़ा राजनैतिक संदेश देने की तैयारी है

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