उत्तर प्रदेश में ''ब्लैक फंगस'' के मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बचाव और इलाज की प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं. वहीं इसकी चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की 12 सदस्यीय म्यूकोर्मियोकोसिस (CAM) मैनेजमेंट टीम का गठन किया है. शनिवार को जारी एक बयान में सीएम योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण के मुक्त हो जाने के बाद कुछ लोगों में ''ब्लैक फंगस'' की बीमारी के मामले सामने में आए हैं, इसको देखते हुए सीएम ने आदेश दिया है कि सभी जिलों में इसके इलाज के लिए जरूरी दवाओं की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और उन्होंने मुख्य सचिव को इस सम्बन्ध में भारत सरकार और चिकित्सा संस्थानों से जरूरी समन्वय किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ''ब्लैक फंगस'' के कारणों, बचाव के उपायों और इलाज के सम्बन्ध में परामर्श जारी कर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए. ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को मेडिकल विशेषज्ञों की सलाहकार समिति से विचार-विमर्श करते हुए लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय करने तथा संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में परामर्श जारी करने के निर्देश दिए गए थे.
''ब्लैक फंगस'' के उपचार हेतु लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय कर दिशानिर्देश जारी कर दी गयी है और इस सम्बन्ध में परामर्श भी जारी कर दी गयी है, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ब्लैक फंगस के उपचार आदि के सम्बन्ध में संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा जिलों एवं मेडिकल कॉलेजों के सम्बन्धित चिकित्सकों का आज डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षण भी कराया गया. एक बयान के अनुसार विशेषज्ञों की टीम में डॉ आमिर केसरी नोडल अधिकारी और सदस्य प्रोफेसर आलोक नाथ, प्रोफेसर शांतनु पांडे, प्रो विकास कन्नौजिया, प्रोफेसर रूंगमी मारक, डॉ सुभाष यादव, डॉ अरुण श्रीवास्तव डॉ पवन कुमार वर्मा, डॉ सुजीत कुमार गौतम, डॉ चेतना शमशेरी, डॉ विनीता मणि और डॉ कुलदीप विश्वकर्मा को शामिल किया गया है.
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