मदद मांगने पहुंची छात्रा को सीएम योगी ने दिया था फीस माफ कराने का आश्वासन, स्कूल में नहीं हुई कोई सुनवाई

पंखुड़ी के पिता राजीव कुमार त्रिपाठी को एक दुर्घटना में पैर में गंभीर चोट लगी थी और इस वजह से उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी. इस वजह से परिवार को वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ी और परिवार ने सीएम आदित्यनाथ से मदद मांगी. 

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  • पंखुड़ी त्रिपाठी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता मांगी थी
  • सीएम ने फीस माफ करने का आश्वासन दिया, लेकिन स्कूल ने मना कर दिया
  • पंखुड़ी के पिता को नौकरी छोड़नी पड़ी, परिवार को वित्तीय सहायता की जरूरत है
  • सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा
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गोरखपुर:

कक्षा 7 की एक लड़की ने आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से वित्तीय सहायता की अपील की थी लेकिन अब यह उत्तर प्रदेश में राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है. दरअसल, पंखुड़ी त्रिपाठी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से अपनी पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता की अपील की थी, जिसपर उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनकी फीस माफ कर दी जाएगी. हालांकि, जब वह अपने पिता के साथ स्कूल गई तो स्कूल प्रशासन ने उनकी फीस माफ करने से मना कर दिया. 

बता दें कि पंखुड़ी के पिता राजीव कुमार त्रिपाठी को एक दुर्घटना में पैर में गंभीर चोट लगी थी और इस वजह से उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी. इस वजह से परिवार को वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ी और परिवार ने सीएम आदित्यनाथ से मदद मांगी. 

स्कूल प्रशासन द्वारा फीस माफ न करने की बात कहे जाने के बाद समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने अब बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है और पंखुड़ी की शिक्षा में समर्थन देने के लिए कहा है. हालांकि, पंखुड़ी के परिवार को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मामले में बोलेंगे और उनके आईएएस बनने के सपने को पूरा करने में मदद करेंगे. 

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पंखुड़ी त्रिपाठी गोरखपुर के पक्कीबाग इलाके में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ती हैं. आरएसएस की शिक्षा शाखा विद्या भारती द्वारा संचालित इस स्कूल में कक्षा 7 के छात्रों से 1,650 रुपये फीस प्रति महीना ली जाती है. पंखुड़ी पर करीब 18,000 रुपये बकाया हैं. पंखुड़ी ने कहा, "मैंने सीएम से फीस माफी की अपील की थी. उन्होंने मुझे चॉकलेट दी और कहा कि उनका काम हो जाएगा. लेकिन जब मैं अपने पिता के साथ स्कूल गई तो उन्होंने हमारे साथ बदसलूकी की और कहा कि फीस माफ नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा ऐसा करने पर बाकी छात्रों के माता-पिता भी फीस माफ करने के लिए कहेंगे. अगर ऐसा ही रहा तो स्कूल कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें टीचर्स की सैलरी भी देनी होती है."

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पंखुड़ी ने कहा, "मेरे पिता का दिल टूट गया. उनसे कभी किसी ने इस तरह से बात नहीं की है. लेकिन मुझे भरोसा है कि सीएम आदित्यनाथ मेरे सपने को इस तरह से टूटने नहीं देंगे. मैं मेहनत कर के आईएएस अधिकारी बनूंगी." गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ है. वह गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी हैं और राज्य के मुख्यमंत्री बनने से पहले पांच बार गोरखपुर से सांसद चुने गए थे.

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राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब पंखुड़ी की टिप्पणी को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हम वादा करते हैं कि उसकी शिक्षा नहीं रुकेगी. यह भाजपा के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के झूठे नारों की सच्चाई है. हम भाजपा से बच्चों से झूठ नहीं बोलने का आग्रह करते हैं."

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एनडीटीवी ने स्कूल प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल प्रशासन को पत्र लिखा है और जल्द ही सकारात्मक जवाब मिलने की उम्मीद है. (अबरार अहमद की रिपोर्ट)

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