समाज को 'हरिजन" और 'गैर-हरिजन' में बांट रहे हैं.., चंद्रशेखर आजाद का सीएम योगी पर हमला

आजाद ने एक एडवाइजरी का हवाला देते हुए कहा कि 1982 में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर अनुसूचित जातियों के लिए 'हरिजन' शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा था.

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नई दिल्ली:

आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के नेता और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है. चंद्रशेखर आजाद ने एक योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो भी शेयर किया है. 

चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि चुनावी रैलियों में "बटेंगे तो कटेंगे" का नारा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी खुद सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मंच पर  समाज को 'हरिजन" और 'गैर हरिजन' में बांट रहे हैं. क्या इस 'हरिजन' शब्द के प्रयोग से उनका तथाकथित हिंदू खतरे में नहीं आता है? 

'हरिजन' शब्द के उपयोग पर है रोक
आजाद ने एक एडवाइजरी का हवाला देते हुए कहा कि 1982 में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर अनुसूचित जातियों के लिए 'हरिजन' शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा था. 2010 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी करके इस पर रोक लगाई थी. यहां तक कि माननीय न्यायालय द्वारा भी इसे अपमानजनक बताते हुए प्रतिबंध लगाया गया था.

आजाद ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को क्या इन निर्णयों की जानकारी नहीं है? या जानबूझकर "हरिजन" शब्द का प्रयोग करके अनुसूचित वर्ग के लोगों का अपमान किया जा रहा है?

जब गांधी जी ने अछूतों के लिए हरिजन शब्द का इस्तेमाल करना शुरू किया, तो परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जी ने इसका कड़ा विरोध किया और इसे अपमानजनक शब्द बताया था. ये सवाल उस समय भी पूछा गया था और आज भी प्रासंगिक है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बताएं, यदि अनुसूचित जाति के लोग 'हरिजन' हैं तो बाकी अन्य लोग ‘हरि' के जन नहीं तो किसके जन हैं?

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