कहीं बुलेट चलाने पर हाथ काट देते हैं तो कहीं...; दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा पर आंदोलन करेंगे चंद्रशेखर

नगीना लोकसभा सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि अगर इच्छा शक्ति होता तो अन्याय होता ही नहीं. यही ताकत आप दस दिन के लिये हमें देकर देखो. यह गुंडे अगर उत्तर प्रदेश छोड़कर ना भाग गए. जो आज बहुजन समाज के लोगों पर गुंडागर्दी कर रहे हैं.

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नगीना लोकसभा सांसद चंद्रेशखर

नगीना लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दलित पिछड़े और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर आंदोलन करने की बात कही. एनडीटीवी संग खास बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा कि दलित पिछड़े आदिवासी जैन बौद्ध ईसाई सब पर हमले बढ़ रहे हैं. यह मैं नहीं एनसीआरबी का डाटा कह रहा है. कहीं बुलेट चलाने पर हाथ काट दिया जाता है तो कहीं मटकी छोड़ने पर मार दिया जाता है और कहीं मंदिर जाने पर समाज से निकाल दिया जाता है. कहीं बरात के घोड़ी पर चढ़ने पर हमला हो जाता है. पटेल समाज की बेटी को कथा करने से रोक दिया जाता है.

अब चुप रहने का समय नहीं

इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही है अब चुप रहने का समय नहीं है. इसे रोकने के लिए जो कानून लागू करने वाले हाथ है वह कमजोर है उनके अंदर इच्छा शक्ति नहीं है. केवल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. अगर इच्छा शक्ति होता तो अन्याय होता ही नहीं. यही ताकत आप दस दिन के लिये हमें देकर देखो. यह गुंडे अगर उत्तर प्रदेश छोड़कर ना भाग गए. जो आज बहुजन समाज के लोगों पर गुंडागर्दी कर रहे हैं. यह सब लोग प्रदेश तो छोड़िए देश ना छोड़ दें तो बताइए बस 10 दिन के लिए यह ताकत हमें दे दो. कुर्सी पर बैठकर मुख्यमंत्री न्याय नहीं कर पा रहे हैं.

राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा

इसलिए हम 10 तारीख को राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है. आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के साथी अपनी संख्या बल के आधार पर राज मुख्यालय पर जमा होंगे और राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे. ये घटनाएं इसलिए नहीं रख रही है कि जिनके हाथ में सत्ता है उनके एजेंडे में यह सारी चीजे शामिल नहीं होती, जमीन के पट्टे छीने जा रहे हैं. धार्मिक गैर बराबरी लगातार हो रही है. यह सब सरकार की देखरेख में हो रहा है. इसका जवाब मैं ट्रंप से तो नहीं पूछ सकता.

अन्ना हजारे जैसा आंदोलन होगा

मैं एक और आंकड़ा बता दूं छत्तीसगढ़ गया हुआ था. 94 फ़ीसदी आबादी बहुजन समाज की है. वहां पर अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. जातिगत जनगणना होगा तो सारी बातें सामने आ जाएगी. मेरी तो मांग है कि निजी क्षेत्रों में आरक्षण लाया जाए क्योंकि अब सरकारी नौकरी तो खत्म हो रही है. हमने इसकी मांग उठाई है. अन्याय का प्रतिकार जरूरी है. सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेंगे अगर सरकार नहीं मानती है तो और भी बड़ा आंदोलन करेंगे. यात्रा निकालेंगे मार्च करेंगे. जैसा अन्ना हजारे ने दिल्ली में आंदोलन किया था कुछ वैसा ही आंदोलन करेंगे. वह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा. हमारे लाखों लोग आकर दिल्ली में बैठेंगे अगर हिंसा नहीं रुकी तो हम आंदोलन करेंगे.

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