रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय द्वारा मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनिरुद्ध सिंह के विरुद्ध जांच के आदेश दिए जाने पर उन्होंने सोमवार को कहा कि उन्हें इस मामले पर कुछ नहीं कहना है.
एसपी ग्रामीण अनिरुद्ध सिंह ने सोमवार को कहा, "पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा मामले में फिर से जांच कराने की जानकारी मुझे मीडिया के माध्यम से ही मिली है."
एक आईपीएस अधिकारी द्वारा एक व्यवसायी से पैसे मांगने का पुराना वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि क्या वह इस अधिकारी के खिलाफ‘‘बुलडोजर'' कार्रवाई करेगी.
वीडियो के मद्देनजर संबंधित अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.
कथित रूप से आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह का एक वीडियो रविवार को मीडिया में आया था जिसमें वह वीडियो कॉल पर किसी से 20 लाख रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहते नजर आ रहे हैं.
कथित वीडियो उस समय का बताया जा रहा है जब सिंह वाराणसी जिले में तैनात थे.
जब वायरल वीडियो को लेकर आईपीएस अनिरूद्ध सिंह से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने वायरल वीडियो को करीब डेढ़ साल पुराना बताया. आईपीएस अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो तब का है जब वह चैतगंज वाराणसी में एएसपी थे.
अनिरुद्ध सिंह के अनुसार उस दौरान सनबीम स्कूल के मालिक पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज हुआ था और इस वीडियो के आधार पर उनका ट्रांसफर एएसपी इंटेलिजेंस में हुआ था. उन्होंने कहा कि बाद में वीडियो की जांच में उन्हें (अनिरूद्ध सिंह) क्लीन चिट दिया गया था.
इस मामले में दोष मुक्त होने के बाद अनिरूद्ध सिंह की तैनाती एएसपी फतेहपुर और एसपी ग्रामीण मेरठ हुई. फिलहाल वर्तमान में वें मेरठ में इसी पद पर ही तैनात है. बहरहाल,अब इस पुराने वीडियो को किसी ने डेढ़ साल बाद एक बार फिर वायरल किया है.
समाजवादी पार्टी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरते हुए रविवार को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा 'उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोज़र की दिशा उनकी तरफ़ बदलेगी या फिर फ़रार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफ़ा-दफ़ा करवा देगी.'
उन्होंने वीडियो के 10 सेकंड के हिस्से को भी पोस्ट करते हुए इसी ट्वीट में कहा 'उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई.'
मेरठ पुलिस ने ट्विटर पर अपने जवाब में कहा, 'यह वीडियो दो साल से अधिक पुराना है और इसका मेरठ से कोई संबंध नहीं है. मामले की जांच पूरी कर ली गई है.'
इस बीच पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था, 'मेरठ जिले में एसपी ग्रामीण के पद पर नियुक्त आईपीएस अधिकारी श्री अनिरुद्ध सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह वीडियो कॉल के जरिए एक व्यक्ति से बातचीत करते नजर आ रहे हैं. उक्त वीडियो के आधार पर सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं.'
बयान में कहा गया था, 'यह मामला दो वर्ष पुराना है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने आयुक्त वाराणसी से इस बारे में पूछा है और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.'