मायावती के मन में क्या है? रविवार को लखनऊ में BSP की बैठक में ये बड़ा फैसला संभव

बसपा चीफ मायावती ने कई मौकों पर अपने फैसलों से लोगों को चौंकाया है. उनके करीबी नेता ही नहीं परिवार के लोगों को भी नहीं पता होता कि कब क्या होने वाला है?

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बसपा सुप्रीमो मायावती.

BSP Meeting in Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (BSP) चीफ़ मायावती ने कल यानी कि 2 मार्च को लखनऊ में एक बड़ी बैठक बुलाई है. इस मीटिंग में देश भर के नेताओं को बुलाया गया है. कई राज्यों से बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बुलाए गए हैं. बैठक का एजेंडा तो पिछली मीटिंग में तय किए काम की समीक्षा है. बीएसपी के एक महासचिव ने बताया कि इस मीटिंग में कुछ नेताओं की ज़िम्मेदारी बदली जा सकती है. हाल के दिनों कुछ राज्यों में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बदले गए हैं. चुनाव ख़त्म होते ही दिल्ली में पार्टी ने नया अध्यक्ष बनाया. चर्चा है कि बीएसपी की इस बैठक में मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ पर कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती हैं.

मायावती पहले भी बदल चुकी हैं अपना फैसला

दरअसल बहुजन समाज पार्टी (BSP) चीफ़ मायावती अपना फ़ैसला बदलने वाली हैं. वे पहले भी कई बार ऐसा कर चुकी हैं. जिस नेता को हटाती हैं उन्हें फिर से वही काम मिल भी जाता है. मायावती के मन में क्या है! ये तो वही जानें. कई मौकों पर उन्होंने अपने फैसलों से चौंकाया है. उनके करीबी नेता ही नहीं परिवार के लोगों को भी नहीं पता होता कि कब क्या होने वाला है. क्या मायावती अपने भतीजे के ससुर को पार्टी से बाहर करने का फ़ैसला वापस ले सकती है. 

बीएसपी के राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं अशोक सिद्धार्थ

इसी साल की शुरुआत में आकाश आनंद को मायावती ने फिर से अपनी उत्तराधिकारी घोषित किया था. इसके लिए लखनऊ में बीएसपी की बड़ी बैठक बुलाई गई थी. अब फिर से उसी तरह की मीटिंग हो रही है. इसीलिए चर्चा तेज हो गई हैं कि क्या अशोक सिद्धार्थ की पार्टी में वापसी हो सकती है. पिछले ही महीने 12 फ़रवरी को मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था. वे मायावती के भतीजे के ससुर हैं. अशोक सिद्धार्थ पर बीएसपी में गुटबाज़ी करने का आरोप लगा है. वे बीएसपी में दक्षिण भारत के थी राज्यों के प्रभारी थे. वे बीएसपी से राज्य सभा के सांसद रह चुके हैं. 

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आकाश आनंद परेशान, एक तरफ ससुराल तो दूसरी ओर बुआ

बीएसपी से बाहर किए जाने के बावजूद अशोक सिद्धार्थ चुप रहे. उन्हें बार-बार फोन कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की. पर वे कुछ नहीं बोले. सूत्रों ने बताया कि पार्टी से निकाले जाने के बाद मायावती से उनकी कोई बात नहीं हुई है. ऐसा कहा जा रहा है कि मायावती के इस फ़ैसले से आकाश आनंद भी हैरान परेशान हैं. उनके लिए एक तरफ़ ससुराल है तो दूसरी तरफ़ बुआ मायावती.
 

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