- बरेली हिंसा मामले में मास्टरमाइंड तौकीर रजा के करीबियों पर पुलिस प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है
- तौकीर रजा के करीबी डॉक्टर नफीस और नदीम पर आईएमसी का फर्जी पत्र बनाने का मुकदमा दर्ज हुआ है
- फर्जी पत्र का उद्देश्य धरने में लोगों को बुलाना, प्रशासन को भ्रमित करना और शहर की शांति भंग करना था
यूपी के बरेली हिंसा मामले में 'मास्टरमांइड' तौकीर रजा करीबियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस प्रशासन की लगातार कार्रवाई जारी है. इस मामले में अब तक 83 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. मौलाना तौकीर रजा के करीबी और बरेली हिंसा में आरोपी डॉक्टर नफीस और नदीम पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है. तौकीर रजा के करीबियों पर बरेली कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. फरीदपुर चौधरी निवासी लियाकत ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई है. लियाकत का आरोप है कि 25 सितंबर की शाम को नदीम खान और डॉ. नफीस खान ने मिलकर साजिश के तहत आईएमसी का एक फर्जी पत्र तैयार किया. इस पत्र पर लियाकत के नाम से फर्जी हस्ताक्षर किए गए.
इस फर्जी पत्र का उद्देश्य 26 सितंबर को मौलाना तौकीर रजा के धरने में लोगों को बुलाना, प्रशासन को भ्रमित करना और शहर की शांति को भंग करना था. लियाकत ने साफ किया कि न तो उनका आईएमसी से कोई लेना-देना है और न ही वे उस दिन धरने में शामिल हुए थे. लियाकत ने यह भी बताया कि घटना के दिन वे अपने गांव में ही मौजूद थे और उनके गांव से भी कोई धरने में नहीं गया.
उधर, बरेली हिंसा के मास्टरमाइंड माने जा रहे मौलाना तौकीर रजा के करीबी डॉ. नफीस खान के अवैध बारातघर पर प्रशासन ने कार्रवाई की है. रविवार को बचे हुए हिस्से को भी बुलडोजर से ढहा दिया गया. इसके साथ ही तौकीर रजा को शरण देने के आरोप में फरहत के घर पर भी जल्द बुलडोजर चल सकता है.
बरेली उपद्रव केस में अब तक 126 नामजद लोगों पर केस दर्ज हो चुका है और 83 की गिरफ्तारी हो चुकी है. 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद काफी संख्या में 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लेकर जमा हो गए थे. इसके विरोध के बाद हालात बिगड़ गए और दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई थी. हालात को संभालने के लिए पुलिस को सड़क पर उतरना पड़ा. घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में शामिल लोगों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी.