कभी उत्तर प्रदेश के 'मिनी सीएम' समझे जाने वाले आजम खान जेल में हैं. मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव की सरकार में उनकी तूती बोलती थी. उनकी बात कोई काटता नहीं था. हालांकि बीते कुछ सालों में आजम खान पर बकरी चोरी से लेकर कई केस दर्ज हुए. एक समय में आजम, उनकी पत्नी और उनके बेटे जेल में रहे. लेकिन धीरे धीरे आजम के कई मामलों में राहत मिलने लगी है. ताजा मामले में तो आज़म को मुरादाबाद कमिश्नर ने ही राहत दे दी है.
जेल में बंद समाजवादी पार्टी के महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान को एक और मामले में बड़ी राहत मिली है. इस बार आजम खान को राहत कमिश्नर के कोर्ट से मिली है. संयोग हैं या प्रयोग! किसी को नहीं मालूम. आंजनेय सिंह मुरादाबाद के कमिश्नर हैं. वे जब रामपुर के डीएम थे तभी आजम खान के खिलाफ मुकदमों का सिलसिला शुरू हो गया था. फिर तो देखते ही देखते आजम पर 82 केस दर्ज हो गए.
रामपुर डीएम रहते की थी कार्यवाही
आजम खान को आंजनेय सिंह की अदालत से राहत मिली है. आंजनेय कुमार वही अधिकारी हैं, जिन्होंने रामपुर में डीएम रहते हुए आजम खान पर कार्यवाही की थी और आज भी आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं, लेकिन इस बार आजम खान को राहत खुद आंजनेय कुमार सिंह ने दी है. आज़म खान की मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट पर रामपुर के असिस्टेंट लेबर कमिश्नर ने 20 करोड़ रूपये के सेस का जुर्माना लगाया था.
लेबर कोर्ट के फैसले को किया निरस्त
आजम खान ने लेबर कोर्ट के फैसले को खिलाफ मुरादाबाद के कमिश्नर की अदालत में अपील की थी. केस की सुनवाई करते हुए 24 अप्रैल को कमिश्नर कोर्ट ने लेबर कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया. इसे आप ऐसे भी कह सकते हैं कि आंजनेय सिंह ने आजम खान को राहत दी.