- चंद्रशेखर आजाद ने मेरठ जेल में बंद 22 आरोपियों से मुलाकात की और सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया
- चंद्रशेखर ने कहा अपने महापुरुष से प्यार करना कोई अपमान नहीं है, सरकार को गुर्जरों का अपमान नहीं करना चाहिए
- फिलिस्तीन झंडा हाथ में लेने पर मुकदमे दर्ज हो जाते हैं, लेकिन यूपी को मिनी पाकिस्तान कहने पर किसी को दर्द नहीं
उत्तर प्रदेश के मेरठ में दादरी कांड को लेकर सियासी तापमान चढ़ता जा रहा है. आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार (25 सितंबर) को मेरठ जेल पहुंचे. जहां उन्होंने जेल में बंद 22 आरोपियों से मुलाकात की. वहीं जेल से निकलते ही चंद्रशेखर ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उन्हें नहीं छोड़ा गया तो मेरठ से बड़ा आंदोलन शुरू होगा.
आई लव मोहम्मद के लिए जेल भी चला जाऊंगा
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "आई लव मोहम्मद के लिए जेल भी चला जाऊंगा, मुस्लिम, गुर्जर और किसानों के लिए जेल जाने को तैयार हूं." उन्होंने कहा कि अपने महापुरुष से प्यार करना कोई अपमान नहीं है और सरकार को गुर्जरों का अपमान नहीं करना चाहिए.
सम्राट मिहिर भोज पर उन्होंने कहा कि जातीय टकराव को रोकने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट में जाए और मामले का निपटारा हो. उन्होंने गुर्जर को गुर्जर स्वाभिमानी समाज कहा और यूपी के ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर का नाम लिए बिना कहा कि मंत्री, पुलिस और सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री के पाप छुपाए ऐसे नहीं होगा.
स्वामी रामभद्राचार्य के बयान पर पलटवार
चंद्रशेखर ने स्वामी रामभद्राचार्य के पश्चिम को मिनी पाकिस्तान कहने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि फिलिस्तीन का झंडा हाथ में लेने पर मुकदमे दर्ज हो जाते हैं, लेकिन कोई संत पश्चिमी यूपी को मिनी पाकिस्तान कह जाए तो किसी को दर्द नहीं होता.
उन्होंने मुख्यमंत्री को चैलेंज करते हुए कहा कि सरकार हिंदू मुसलमान की बात करती है, लेकिन मेरठ में पंचायत की परमिशन क्यों नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि गुर्जरों का अपमान क्यों हुआ, इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए.
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