डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव वाला झगड़ा थमा भी नहीं कि अब दूसरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ भी विवाद शुरू हो गया है. इस बार मामला प्रखर बनाम बिखर का है. वैसे केशव और अखिलेश की राजनैतिक दुश्मनी जगज़ाहिर है. दोनों नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते हैं. दोनों ही OBC वर्ग से हैं. विपक्ष का नेता रहते अखिलेश और केशव में विधानसभा में कई बार वाक युद्ध हो चुका है.
ब्रजेश-अखिलेश की महाभारत
हफ़्ते भर से यूपी में डीएनए को लेकर ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव में महाभारत जारी है. लड़ाई सोशल मीडिया से निकलकर सड़क पर पहुंच गई है. बीजेपी ने 'अखिलेश यादव माफ़ी मांगो' का अभियान चला रखा है, तो जवाब में अखिलेश यादव के लोग भी पाठक के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल में जुटे हैं. तू डाल-डाल तो मैं पात-पात के फार्मूले पर. अब एक नया विवाद केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से खिलाफ छेड़ दिया है.
कांग्रेस और सपा में तनातनी
इमरान मसूद के बयान के बाद यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तनातनी जारी है. दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे को हद में रहने की सलाह दे रहे हैं. अब दोनों के झगड़े में बीजेपी की मौज हो गई है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी सोशल मीडिया में चुटकी ले ली. उन्होंने लिखा सपा मतलब 'लठैतवाद', कांग्रेस मतलब 'छद्मवाद' और भाजपा मतलब 'प्रखर राष्ट्रवाद. अखिलेश यादव को पता चला तो अब उनका ग़ुस्सा सातवें आसमान पर है.
अखिलेश यादव के निशाने पर तीन
अखिलेश यादव ने भी एक तीर से तीन निशानों पर दांव चला है. उनके निशाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक हैं. अखिलेश ने सोशल मीडिया में पोस्ट किया है. वे लिखते हैं एक तो प्रधान बनाम मुख्य की प्रतिस्पर्धा है, दूसरी मुख्य बनाम उप की और तीसरी उप बनाम उप की. ये सब एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में भड़काऊ बयान दे रहे हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बीजेपी में दिल्ली बनाम लखनऊ का ज़िक्र कर रहे हैं. उनका दावा है कि दोनों डिप्टी सीएम में भी सब कुछ ठीक नहीं है.
केशव-अखिलेश की राजनैतिक रंजिश
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की राजनैतिक रंजिश बहुत पुरानी है. समाजवादी पार्टी को डिप्टी सीएम मौर्य हमेशा समाप्तवादी पार्टी कहते रहते हैं. अखिलेश भी तंज में उन्हें स्टूल मंत्री कहते हैं. मौर्य ने समाजवादी पार्टी के लठैतवाद और बीजेपी को प्रखर राष्ट्रवाद कहा. जवाब में अखिलेश ने लिखा जिनको आप कह रहे हैं ‘प्रखर', उन्हीं की वजह से आप रहे हैं 'बिखर'; कितनी भी कोशिश कर लें आपको नहीं मिलेगा ‘शिखर'. केशव प्रसाद मौर्य को लेकर अखिलेश अधिक हमलावर रहते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह दोनों के पिछड़े वर्ग से होने का है. पीडीए के फार्मूले पर अखिलेश यूपी की सत्ता में वापसी की प्लानिंग में हैं. इसी पीडीए के पी को केशव मौर्य भी है.