समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. हालांकि, उन्होंने समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को छोड़ दिया है. इसकी जानकारी समाजवादी पार्टी के टि्वटर हैंडल से दी गई है. उसमें लिखा गया है कि सभी युवा संगठनों, महिला सभा, अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय, राज्य, जिला कार्यकारिणी भंग की जाती है.
ट्वीट से जानकारी दी गई है कि, 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से सपा उ.प्र. के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय, राज्य, जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है.'
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में पार्टी के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि सपा अध्यक्ष ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर सभी संगठनों की तमाम इकाइयों के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है.
हालांकि, पार्टी ने इसका कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद हाल में सपा को अपना मजबूत गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भी पराजय मिलने के मद्देनजर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए यह कवायद की गई है.
साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को भाजपा के सामने हार देखने पड़ी थी. भारतीय जनता पार्टी ने 255 सीटें जीती थी, जबकि सपा के हिस्से में 111 सीटें आई. समाजवादी पार्टी ने आरएलडी समेत कई छोटे दलों से गठबंधन भी किया था, लेकिन अखिलेश यादव की यह रणनीति भी काम नहीं आई. आरएलडी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, सपा के दूसरी सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 6 सीटें जीती थी. कांग्रेस ने 2 और बसपा ने केवल 1 सीट जीती थी.