स्विट्जरलैंड से पाकिस्‍तान तक... धर्मांतरण गैंग की जड़े कहां तक फैलीं, यूपी पुलिस ने खोले कई राज

पुलिस कमिश्नर कुमार ने बताया कि लड़कियों को इस्लामी मान्यताओं वाले लोगों से बात करने के लिए मजबूर किया जाता था और उन्हें हिंदू धर्म के बारे में "ज़हरीली बातें" बताई जाती थीं.

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धर्मांतरण के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश
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  • आगरा पुलिस ने अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसका संबंध पाकिस्तान से जुड़ा हुआ पाया गया है.
  • गिरोह ने युवाओं को इस्लाम अपनाने के लिए ऑनलाइन गेम और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर प्रभावित किया था.
  • रैकेट के तहत छह राज्यों से दस लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई लड़कियों को बचाया गया है.
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आगरा:

उत्‍तर प्रदेश के आगरा में अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले गिरोह का संबंध पाकिस्‍तान से है. आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि यह नेटवर्क राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. आगरा पुलिस और देश की कई एजेंसियां इस रैकेट की जांच में लगी हुई हैं. पुलिस आयुक्त ने बताया कि कथित धर्मांतरण रैकेट की जांच से पता चला है कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान के कुछ लोगों से जुड़े हैं, जिन्होंने युवाओं को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रभावित करने में मदद की. आगरा से 33 और 18 साल की दो बहनों के लापता होने की जांच के बाद पिछले हफ़्ते छह राज्यों से 10 लोगों की गिरफ़्तारी के साथ इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. सोशल मीडिया पर, इनमें से एक महिला ने एके-47 राइफल पकड़े हुए अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की थी.


धर्मांतरण के लिए ऑनलाइन गेम का इस्तेमाल

आगरा धर्मांतरण मामले की जांच आगे बढ़ने पर चार और लोगों को गिरफ़्तार किया गया. शनिवार को आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि कभी-कभी युवाओं को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए ऑनलाइन गेम का इस्तेमाल किया जाता है और पाकिस्तान के संचालकों ने इस रैकेट में अहम भूमिका निभाई. पुलिस ने कहा कि यह रैकेट दिल्ली निवासी अब्दुल रहमान, जिसने 1990 में इस्लाम धर्म अपना लिया था और गोवा की आयशा के नेतृत्व में चलाया जा रहा था. गिरोह द्वारा निशाना बनाए गए उत्तराखंड के देहरादून, उत्तर प्रदेश के बरेली, अलीगढ़ और रायबरेली, तथा हरियाणा के झज्जर और रोहतक सहित अन्य स्थानों की लड़कियों को बचाया गया है.

ऐसे किया जाता था ब्रेनवॉश

पुलिस कमिश्नर कुमार ने बताया कि लड़कियों को इस्लामी मान्यताओं वाले लोगों से बात करने के लिए मजबूर किया जाता था और उन्हें हिंदू धर्म के बारे में "ज़हरीली बातें" बताई जाती थीं. पाकिस्तान में बैठे उनके साथियों, जिनमें तनवीर अहमद और साहिल अदीम नाम के दो व्यक्ति शामिल थे, उन्‍होंने इन कोशिशों में उनकी मदद की. फिर लड़कियों को व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ा गया जहां उनका ब्रेनवॉश किया जाता रहा. अगर लड़कियों के परिवार विरोध करते, तो उनके मन में भी उनके खिलाफ ज़हर भरा जाता. दीपक कुमार ने बताया कि ग्रुप के कम से कम तीन सदस्यों को डार्क वेब की जानकारी है और वे इसके ज़रिए बातचीत करते थे. सुरक्षा एजेंसियों द्वारा रोके जाने से बचने के लिए सिग्नल ऐप का भी इस्तेमाल किया जाता था.

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खेल-खेल में धर्मांतरण की बात

धर्मांतरण के लिए लड़कियों को आकर्षित करने की एक और रणनीति यह थी कि ऑनलाइन गेम खेलते समय उनसे बात की जाए. इन खेलों में लूडो भी शामिल था, और एक बार बातचीत शुरू हो जाने के बाद टारगेट को धीरे-धीरे इस्लाम के बारे में अच्छी बातें बताकर प्रभावित किया जाता था. फिर उन्हें धर्मांतरण के रास्ते पर ले जाया जाता था. गिरोह असंगठित मजदूरों और मानसिक रूप से परेशान युवाओं को टारगेट करता था.

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छांगुर की दुकान में स्विट्जरलैंड के ज़्यूरिक के हबीब बैंक के दस्तावेज़

धर्मांतरण मास्‍टरमाइंड छांगुर के कई ठिकानों पर पुलिस और ईडी की टीम ने छापेमारी की थी. छांगुर के धर्मांतरण मामले में 17 जुलाई को हुई प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बाद छांगुर की दुकान से कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. इनमें स्विट्जरलैंड के ज़्यूरिख के हबीब बैंक के दस्तावेज़ भी मौजूद थे. ईडी की टीम अब ये पता लगाने में जुटी है कि धर्मांतरण के तार दुनिया के और किस-किस देश से जुड़े हुए हैं.  

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