यूपी में कांवड़ यात्रा के बाद अब मुहर्रम के जुलूस और ताजिया निकालने पर लगी रोक

मुहर्रम इस्‍लामी महीना है और इससे इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती है. 10वें मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम मातम मनाते हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के बाद अब मुहर्रम के जुलूस और ताजिया निकालने पर रोक लगा दी गई है. प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी पुलिस कमिश्नर, एसएसपी और एसपी को आदेश जारी कर दिए हैं. डीजीपी के मुताबिक, मुहर्रम के दौरान नागरिकों को आतंकवादी नुकसान पहुंचा सकते है और असामाजिक तत्व कानून व्यवस्था खराब कर सकते हैं. इसलिए पुलिस को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. मुहर्रम महीना दस अगस्त से शुरू हो रहा है.

बता दें, मुहर्रम इस्‍लामी महीना है और इससे इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती है. 10वें मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम मातम मनाते हैं. मान्‍यता है कि इस महीने की 10 तारीख को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, जिसके चलते इस दिन को रोज-ए-आशुरा कहते हैं. इस दिन जुलूस निकालकर हुसैन की शहादत को याद किया जाता है. 10वें मुहर्रम पर रोज़ा रखने की भी परंपरा है.  

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी

मुहर्रम के जुलूस से पहले यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी. योगी सरकार ने 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश में इस वर्ष कांवड़ यात्रा रद्द कर दी थी. राज्‍य सरकार की अपील के बाद कांवड़ संघों ने यात्रा रद्द करने का फैसला किया था. कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी थी. यूपी के अलावा, बाकि राज्यों ने भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी. पहले यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने की बात कही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद यह रद्द करने का फैसला लिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने महामारी के दौरान कांवड़ यात्रा के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था. 
 

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