गोरखपुर में खुले नाले ने छीन ली मासूम की जिंदगी, बारिश में स्कूल से घर लौट रही थी बच्ची; ठेकेदार की लापरवाही

सड़क पर पानी अधिक होने की वजह से बच्ची नाले के पानी में डूबे स्‍लैब से होकर घर जाने लगी. नाले पर एक स्‍थान पर स्‍लैब नहीं लगा था. इसी जगह वो फिसलकर नाले में चली गई. इस बीच उसके छोटे भाई ने शोर किया, लेकिन जब तक मदद पहुंची तब तक काफी देर हो चुकी थी.

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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ऐसा हादसा हुआ, जिसके बारे में सुन हर कोई दुखी हो जाएगा. यहां मूसलाधार बारिश में पढ़कर घर लौट रही 8 साल की मासूम की निर्माणाधीन नाले में गिरकर मौत हो गई. गिरने के बाद बच्ची की नाले में 50 मीटर तक बह गई. किसी तरह मोहल्‍ले के युवाओं ने उसे सड़क पर खोजकर निकाला. उसके पैर को पकड़ कर पहले बाहर निकाला गया, फिर सीपीआर देकर मासूम की जान बचाने की कोशिश की.मासूम को गोद में लेकर एक व्यक्ति अस्पताल भी दौड़ा, मगर बदकिस्मती से तबतक काफी देर हो चुकी थी. डाक्टरों ने बच्ची को देखकर मृत घोषित कर दिया.

कैसे नाले में गिरी बच्ची

गोरखपुर के तिवारीपुर थानाक्षेत्र के घो‍सीपुरवा लाला टोला का रहने वाले अनीश की 8 साल की बेटी 11 अगस्‍त की शाम 4 बजे बारिश के दौरान सड़क पर भरे पानी के बीच छोटे भाई के साथ घर लौट रही थी. सड़क पर पानी अधिक होने की वजह से वो निर्माणाधीन नाले के पानी में डूबे स्‍लैब से होकर घर जाने लगी. नाले पर एक स्‍थान पर स्‍लैब नहीं लगा था. इसी जगह वो फिसलकर नाले में चली गई. इस बीच उसके छोटे भाई ने शोर किया, तो मोहल्‍ले के जागरूक युवाओं ने उसे ढूंढने की कोशिश की. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

बच्ची की मौत से गमजदा परिवार

आखिरकार 50 मीटर की दूरी पर युवाओं ने उसे खोज लिया. उसे पहले सीपीआर देकर उसकी जान बचाने की कोशिश की गई. जब उसे होश नहीं आया. उसे लेकर निजी नर्सिंगहोम फिर जिला चिकित्‍सालय लेकर निकले. बारिश रुकने के बाद जाम लगने पर टीपू नाम का ये शख्‍स बच्‍ची को हाथ में उठाए, बारिश के पानी में दौड़ते हुए उसे लेकर जिला चिकित्‍सालय के अंदर पहुंचा. जहां चिकित्‍सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. मासूम की जान जाते देख परिजनों में कोहराम मच गया, मां की भी तबियत खराब हो गई. उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया. 

ठेकेदार की लापरवाही से बच्ची की मौत 

बच्ची के पिता अनीश कुरैशी के मेहनत-मजदूरी करके परिवार का पेट पालता है. पत्‍नी आसमां के अलावा उसके दो बच्‍चे 8 साल की आफरीन और 7 साल का बेटा है. परिवार का कहना है कि उसे पढ़ने की काफी ललक थी. यही वजह थी कि घर से आधे किलोमीटर की दूरी पर उसका दाखिला मदरसे में कराया था. लेकिन सोमवार 11 अगस्‍त की शाम 4 बजे हुई भरी बारिश में ठेकेदार की लापरवाही से उसकी बच्‍ची की डूबने से मौत हो गई. ये दृश्य देखकर मां पिता फफक पड़े. अनीश की बेसुध पत्‍नी सुबह कुछ भी बोलने की हालत में नहीं है. 

बच्ची की मौत के बाद ढका गया नाला

घटना के बाद तत्काल रात में नगर निगम ने देर रात लाकर खुले नाले को ढक दिया. नगर निगम के अपर आयुक्‍त दुर्गेश मिश्रा ने बीती रात ही ठेकेदार को क्‍लीन चिट देकर नाले पर स्‍लैब ढककर काम होने पर मुहर लगा दी है, लेकिन नगर निगम के ठेकेदार की लापरवाही को मोहल्‍ले के लोग खुद बयां कर रहे हैं. ठेकेदार ने स्‍लैब को ढककर नाले को सुरक्षित करा दिया होता, तो डॉस्टर बनने का सपने लिए स्‍कूल गई 8 साल की मासूम की घर लौटते समय नाले में डूबकर मौत नहीं हुई होती. अपर आयुक्‍त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि कि जिस स्थान पर बच्ची की मौत हुई, वहां पर नाले को पूरी तरीके से ढककर बनाया जा रहा है. मौत किस वजह से हुई है कि ये बच्ची की जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पायेगा.

मो. अख्तर, पूर्व पार्षद ने कहा कि, बारिश हो रही थी सड़क और नाला दोनों बराबर था. बच्ची को अंदाज नहीं लगा इसलिए वह नाले में गिर गई .जिससे बच्ची का दम घुटने से उसकी मौत हो गई .इसका जिम्मेदार नगर निगम है. इस मामले में ठेकेदार और जेई के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए. क्योंकि अगर स्लैब लगाए होते तो ऐसी घटना नहीं होती जगह-जगह खुला होने की वजह से यह घटना हुई.

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(अबरार अहमद की रिपोर्ट)

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