वन विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की थी.
इटावा:
यूपी के इटावा जिले के भरथना में एक छोटे तालाब से दुर्लभ प्रजाति के 654 कछुओं को बरामद किया गया है. बरामद कछुओं में से 482 मृत पाए गए हैं, जबकि 172 बीमार हैं. सभी कछुए दुर्लभ प्रजाति के हैं. इस प्रजाति के कछुए भारतीय वन्यजीवन (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित हैं. वन विभाग ने मुखबिर की सूचना के आधार पर छापेमारी की और कछुओं को बरामद किया. हालांकि तस्कर घटनास्थल से भागने में सफल रहे.
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वन विभाग के मुताबिक इस प्रजाति के कछुए को स्थानीय स्तर पर सुंदरी के नाम से जाना जाता है. वन विभाग के अनुसार इन कछुओं को अलग-अलग इलाकों से लाकर यहां रखा गया था. गिरफ्तारी के डर के गिरोह के सरगना राज कपूर ने तालाब में कछुओं को छुपाया था. वन विभाग की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से अभियान चलाया था.
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पर्यावरणविद डॉ. आशीष ने बताया कि तस्करी किए गए कछुओं का सूप बनाने में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि लोगों का यह मानना है कि सेक्स पावर को बढ़ाने वाली दवाई बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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उधर राजस्व सूचना निदेशालय (डीआरआई) ने अफ्रीकी मूल की एक संकटग्रस्त प्रजाति के 6 जिंदा कछुओं के साथ दो तस्करों को मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से धर दबोचा है. डीआरआई की इंदौर इकाई के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की मदद से सिवनी जिले से बुधवार शाम पकड़े गए दोनों आरोपी पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने आरोपियों की पहचान का खुलासा किये बगैर बताया कि वे कार में सवार थे और अफ्रीकन स्पर्ड कछुओं को कोलकाता से महाराष्ट्र के एक शहर ले जा रहे थे. उनके पास संकटग्रस्त प्रजाति के इन कछुओं के परिवहन की अनुमति के वैध दस्तावेज नहीं थे.
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वन विभाग के मुताबिक इस प्रजाति के कछुए को स्थानीय स्तर पर सुंदरी के नाम से जाना जाता है. वन विभाग के अनुसार इन कछुओं को अलग-अलग इलाकों से लाकर यहां रखा गया था. गिरफ्तारी के डर के गिरोह के सरगना राज कपूर ने तालाब में कछुओं को छुपाया था. वन विभाग की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से अभियान चलाया था.
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पर्यावरणविद डॉ. आशीष ने बताया कि तस्करी किए गए कछुओं का सूप बनाने में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि लोगों का यह मानना है कि सेक्स पावर को बढ़ाने वाली दवाई बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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उधर राजस्व सूचना निदेशालय (डीआरआई) ने अफ्रीकी मूल की एक संकटग्रस्त प्रजाति के 6 जिंदा कछुओं के साथ दो तस्करों को मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से धर दबोचा है. डीआरआई की इंदौर इकाई के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की मदद से सिवनी जिले से बुधवार शाम पकड़े गए दोनों आरोपी पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने आरोपियों की पहचान का खुलासा किये बगैर बताया कि वे कार में सवार थे और अफ्रीकन स्पर्ड कछुओं को कोलकाता से महाराष्ट्र के एक शहर ले जा रहे थे. उनके पास संकटग्रस्त प्रजाति के इन कछुओं के परिवहन की अनुमति के वैध दस्तावेज नहीं थे.
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