ज्वॉइंट सेविंग अकाउंट क्या है? खाता खुलवाने से पहले जानें क्या हैं इसके फायदे और नुकसान

Joint Bank Accounts: ज्वॉइंट अकाउंट किराया, यूटिलिटी बिल या किराने का सामान जैसे साझा खर्चों को कवर करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं.

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Joint Saving Accounts: ज्वॉइंट अकाउंटहोल्डर्स अपने साथी खाताधारक की इजाजत के बिना भी जमा रकम निकाल सकते हैं.
नई दिल्ली:

आजकल  बैंकिंग के बारे में भी लोगों की जागरूकता बढ़ रही है. लोग बैंकिंग से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानना चाहते हैं. सेविंग अकाउंट दो तरह के होते हैं. जिसमें सिंगल सेविंग अकाउंट और दूसरा ज्वाइंट सेविंग अकाउंट शामिल है.  ज्यादातर लोगों के मन में ज्वाइंट बैंक अकाउंट (Joint Bank Accounts) यानी संयुक्त बचत खाता खुलवाने से पहले उसके फायदे और नुकसान को लेकर कई सवाल होते हैं.

आइए, जानते हैं कि ज्वाइंट बैंक अकाउंट (Joint Account) क्या है और इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं?

ज्वाइंट बैंक अकाउंट क्या है?

ज्वाइंट बैंक अकाउंट दो या दो से अधिक लोगों के मालिकाना हक में चलाया जा रहा एक बैंक अकाउंट होता है. इस अकाउंट के सभी होल्डर्स के पास खाते में रखी गई रकम तक बराबर पहुंच और अधिकार के साथ समान मालिकाना होता है. ये साझेदारी वाले बैंक खाते खास तौर पर कपल, परिवार के सदस्यों और कारोबारी पार्टनर्स के लिए बेहतर होते हैं जो वित्तीय जिम्मेदारी साझा करना चाहते हैं. आइए, हम एक-एक कर ज्वॉइंट सेविंग अकाउंट ( Joint Saving Accounts) के कुछ प्रमुख फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं...

ज्वाइंट अकाउंट के फायदे

साझा वित्तीय लक्ष्य- कई कपल अपना घर बनाने या खरीदने, छुट्टी मनाने या अपने बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए बचत करते हैं. ऐसे ही कई कारोबारी पार्टनर्स भी फायदे के लिए प्लानिंग करते हैं. इस तरह साझा वित्तीय लक्ष्यों वाले लोगों के लिए ज्वॉइंट अकाउंट सबसे बेहतर होते हैं. यह दोनों पक्षों को इन लक्ष्यों के लिए योगदान करने की इजाजत देता है. इससे उन्हें हासिल करना आसान हो जाता है.

बिल चुकाने में सुविधा- ज्वॉइंट अकाउंट  किराया, यूटिलिटी बिल या किराने का सामान जैसे साझा खर्चों को कवर करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं. दोनों लोग इन खर्चों के लिए सीधे खाते से योगदान कर सकते हैं. यहां ध्यान देने की बात है कि सेविंग अकाउंट से मंथली निकासी की संख्या सीमित हो सकती है.

आसानी से फाइनेंशियल मैनेजमेंट- सभी साझी रकम एक खाते में होने से आपके पैसे का प्रबंधन करना आसान हो सकता है. आप लेन-देन की निगरानी कर सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों की ओर अपनी बढ़त को अधिक असरदार ढंग से ट्रैक कर सकते हैं.

आपातकालीन स्थितियों में आर्थिक मदद- अगर एक खाताधारक को वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ता है या वह नाकाबिल हो जाता है, तो दूसरा खाताधारक जरूरी खर्चे के लिए जमा रकम को मैनेज कर सकता है. 

जमा रकम तक तेज पहुंच- ज्वॉइंट अकाउंटहोल्डर्स अपने साथी खाताधारक की इजाजत के बिना भी जमा रकम निकाल सकते हैं. इससे यह रोजमर्रा के खर्चों या अप्रत्याशित आर्थिक जरूरतों के लिए अधिक सुविधाजनक हो जाता है.

ज्वाइंट बैंक अकाउंट की कमियां या उसके नुकसान

साझा जिम्मेदारी-
ज्वॉइंट बैंक अकाउंट के लिए अकाउंटहोल्डर्स के बीच बहुत ज्यादा विश्वास और वित्तीय जिम्मेदारी की जरूरत होती है. दोनों अकाउंटहोल्डर के पास रकम तक समान पहुंच है और वे एक-दूसरे की सहमति के बिना विड्रॉ और ट्रांसफर कर सकते हैं. इसे ठीक से मैनेज नहीं करने पर आपसी मतभेद हो सकता है.

स्वामित्व और दायित्व- दोनों अकाउंटहोल्डर खाते से जुड़े किसी भी ओवरड्राफ्ट, लोन या देनदारियों के लिए बराबर जिम्मेदार हैं. इसका मतलब यह है कि अगर एक साथी ज्यादा खर्च करता है या खाते पर कर्ज जमा हो जाता है, तो समस्या को हल करने के लिए दोनों जिम्मेदार हैं.

गोपनीयता से जुड़ी चिंताएं- ज्वॉइंट अकाउंट में प्राइवेसी का अभाव होता है. सभी लेन-देन और अकाउंट डिटेल्स दोनों अकाउंटहोल्डर को दिखाई देते हैं, जो कुछ स्थितियों में वांछनीय नहीं हो सकता है, खासकर अलग-अलग वित्तीय हितों वाले व्यक्तियों के लिए.

संघर्ष और असहमति- वित्तीय असहमति रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती है. खर्च करने की आदतों या वित्तीय लक्ष्यों में अंतर से संघर्ष और संभावित नाराजगी हो सकती है.

अकाउंट क्लोज करने में मुश्किल- अगर खाताधारकों के बीच संबंध खराब हो जाते हैं, तो ज्वॉइंट बैंक अकाउंट को क्लोज करना या सेपरेट करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. क्योंकि इसके लिए दोनों पक्षों के सहमत होने की जरूरत होती है.

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