UPI का दायरा बढ़ाएगा RBI, बैंकों से पहले से स्वीकृत कर्ज जल्द यूपीआई के जरिए

फिलहाल देश में खुदरा डिजिटल भुगतान में मात्रा के लिहाज से इसकी 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

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यूपीआई का दायरा बढ़ेगा.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का दायरा बढ़ाने का निर्णय किया. इसके तहत बैंकों से पहले से स्वीकृत कर्ज सुविधा को यूपीआई से जोड़ा जाएगा. देश में यूपीआई लोकप्रिय और मजबूत भुगतान मंच है. फिलहाल देश में खुदरा डिजिटल भुगतान में मात्रा के लिहाज से इसकी 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि देश में भुगतान डिजिटलीकरण लक्ष्यों के अनुरूप उत्पादों और सुविधाओं को विकसित करने के लिये यूपीआई प्रणाली का उपयोग किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘अब जमा खातों के अलावा, बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण सुविधा से हस्तांतरण को सक्षम करके यूपीआई के दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है.''

दूसरे शब्दों में, यूपीआई नेटवर्क बैंकों से पहले से स्वीकृत कर्ज सुविधा के जरिये रकम के भुगतान की सुविधा प्रदान करेगा. इससे इस तरह की पेशकश की लागत कम हो सकती है और घरेलू बाजार के लिये अनूठे उत्पादों के विकास में मदद मिलेगी.

दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह पहले से मंजूर कर्ज से जुड़ा है. इसका मतलब है कि बैंक की तरफ से मंजूर कर्ज सुविधा और ग्राहक अब यूपीआई के जरिये परिचालन कर सकते हैं.

फिलहाल यूपीआई के जरिये होने वाला लेनदेन बैंकों में जमा खातों के बीच होता है. कुछ मामलों में ‘वॉलेट' सहित प्री-पेड कार्ड के जरिये भी इसका उपयोग किया जाता है. केंद्रीय बैंक इस संबंध में जल्द ही विस्तृत निर्देश जारी करेगा.

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हाल ही में रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने की अनुमति दी गई थी. इस बारे में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के अध्यक्ष ए के गोयल ने कहा कि बैंकों में पूर्व-स्वीकृत कर्ज सुविधा को शामिल कर यूपीआई के दायरे के विस्तार का उद्देश्य संस्थागत ऋण तक पहुंच बढ़ाना है.

पे नियरबाइ के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी आनंद कुमार बजाज ने कहा कि यूपीआई के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत कर्ज सुविधाओं की अनुमति देकर यूपीआई के दायरे का विस्तार करने का निर्णय एक सकारात्मक कदम है. इससे ग्राहकों के लिये कर्ज सुविधा तक पहुंच आसान हो जाएगी, जिससे देश में डिजिटल बैंकिंग की स्वीकार्यता में तेजी आएगी.''

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