1 जनवरी से बदल रहा टेलीकॉम का अहम नियम, Jio, Airtel, Voda, BSNL पर पड़ेगा सीधा असर

इस नए नियम को राइट ऑफ वे (RoW) रूल का नाम दिया गया है. देश के सभी राज्यों को इस नियम को अडॉप्ट करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों को चार्ज में छूट भी दी गई है.

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नई दिल्ली:

New Telecom Rule: सरकार समय-समय पर टेलीकॉम सेक्टर की बेहतरी के लिए इसके नियमों में बदलाव करती रहती है. टेलीकॉम एक्ट में एक बार फिर कुछ नए नियम शामिल किए गए हैं. इन नए नियमों का देश के सभी राज्यों को सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा गया है. इस नए नियम को राइट ऑफ वे (RoW) रूल का नाम दिया गया है. देश के सभी राज्यों को इस नियम को अडॉप्ट करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों को चार्ज में छूट भी दी गई है.

1 जनवरी से लागू होने जा रहा है नया नियम

ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह नया नियम 1 जनवरी से लागू हो जाएगा. इसका मकसद ऑप्टिकल फाइबर लाइनों (Optical fibre lines) और टेलीकॉम टावरों (Telecom towers) की स्थापना को बढ़ावा देना है. टेलीकॉम ऑपरेटरों और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडरों को भी इस नियम से काफी मदद मिलने वाली है. दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications - DoT) के सचिव नीरज मित्तल (Neeraj Mittal) ने इस संदर्भ में सभी राज्यों के सचिवों को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि सभी राज्य 30 नवंबर तक सुनिश्चित करें. फिर 1 जनवरी से RoW पोर्टल के नए नियमों को लागू किया जाएगा.

दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल (Neeraj Mittal) ने पत्र में यह भी लिखा कि नया नियम जनवरी, 2025 से लागू हो जाना चाहिए और मौजूदा RoW नियम को यहीं पर रोक दिया जाना चाहिए.

इस पत्र का सीधा मतलब यह है कि जनवरी से नया नियम लागू किया जाएगा. नया RoW नियम परमिशन हासिल करने और डिजिटल रिकॉर्ड मेंटेन करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा. आपको बता दें कि टेलीकॉम प्रोवाइडरों ने सरकार से टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के लिए देश भर में एक समान RoW नीति लागू करने का आग्रह किया था.

RoW नियम आखिर है क्या? (What is the RoW rule?)

अगर आपको आसान भाषा में समझाएं तो RoW नियम पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी पर टॉवर या टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के स्टैंडर्ड सेट करता है. इस नियम की मदद से ही सरकार टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न करने पर फोकस कर पाती है. आपको बता दें कि सभी प्रॉपर्टी के मालिक और टेलीकॉम प्रोवाइडर्स को RoW नियमों का पालन करना होता है, क्योंकि इसके तहत सार्वजनिक सुरक्षा यानी पब्लिक सेफ्टी और पारदर्शिता को काफी महत्व दिया जाता है. यानी अगले साल 1 जनवरी से नया नियम लागू होने के बाद कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं. Jio, Airtel, Voda, BSNL सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा.

5G पर रहेगा ज्यादा फोकस (More focus on 5G)

RoW के नए नियमों में 5G पर ज्यादा फोकस रहेगा. फास्ट नेटवर्क के लिए नया नियम काफी मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि 5G के लिए देशभर में नए टावर इंस्टॉल करने पर खास ध्यान दिया जा रहा है.

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