Tax भरना हुआ और भी आसान, RBI ने UPI के जरिये टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ाने का किया ऐलान

UPI Limit Increased: आरबीआई के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) का यूजर बेस 42.4 करोड़ हो गया है. हालांकि, यूजर बेस के और विस्तार की संभावना है.

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RBI HikeUPI Llimit for Tax Payments: वर्तमान में, यूपीआई के लिए टैक्स पेमेंट की लिमिट एक लाख रुपये है.
नयी दिल्ली:

RBI Monetary Policy 2024 Announcement : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई (UPI) के जरिये टैक्स पेमेंट की लिमिट (Tax Payment Limit) बढ़ाकर 5 लाख तक करने की घोषणा की. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं से पेमेंट (UPI Payments) का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है. वर्तमान में, यूपीआई के लिए टैक्स पेमेंट की लिमिट(UPI Limit for Tax Payment)  एक लाख रुपये है.

कुछ कैटेगरी के लिए रिव्यू के बाद बढ़ाया गया लिमिट 

शक्तिकान्त दास ने कहा कि विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर, रिजर्व बैंक ने समय-समय पर कैपिटल मार्केट, आईपीओ सब्सक्रिप्शन, डेब्ट कलेक्शन, इंश्योरेस, मेडिकल और एजुकेशनल सर्विस आदि जैसी कुछ कैटेगरी के लिए लिमिट को रिव्यू किया है और उन्हें बढ़ाया है.

उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स पेमेंट सामान्य, रेगुलर तथा हाई वैल्यू के हैं. इसलिए यूपीआई के जरिये कर पेमेंट की लिमिट को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख प्रति ट्रांजैक्शन करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.''

UPI का यूजर बेस 42.4 करोड़, विस्तार की संभावना

आरबीआई के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) का यूजर बेस 42.4 करोड़ हो गया है. हालांकि, यूजर बेस के और विस्तार की संभावना है. यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स' शुरू करने का भी प्रस्ताव है. शक्तिकान्त दास ने कहा कि ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स' से एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर) को प्राइमरी यूजर के बैंक अकाउंट पर किसी अन्य व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर) के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट (UPI Transaction Limit) निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी. इससे देशभर में डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है. इस संबंध में भी विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगें.

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अनऑथराइज्ड कंपनियों की जांच उठाया गया ये कदम

वहीं, आरबीआई ने  अनऑथराइज्ड कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल लोन देने वाले ऐप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है. आरबीआई  गवर्नर ने कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा,डाटा प्राइवेसी, ब्याज दरों तथा वसूली प्रक्रियाओं, गलत बिक्री आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश दो सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे. हालांकि, मीडिया की खबरों ने डिजिटल लोन देने में बेईमान कंपनियों की मौजूदगी को उजागर किया है जो आरबीआई (आरई) से संबद्ध होने का झूठा दावा करती हैं.

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