भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर तक 100.32 मीट्रिक टन सोना विदेशों की तिजोरियों से भारत वापस मंगवाया है. Moneycontrol की रिपोर्ट के मुताबिक, ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब पूरी दुनिया में आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है.ऐसे हालात में दुनिया के ज्यादातर सेंट्रल बैंक अपनी संपत्तियों को सुरक्षित जगहों पर रखना पसंद करते हैं और सोना इस समय सबसे सेफ एसेट में से एक माना जाता है.
RBI ने भी इसी रणनीति के तहत भारत में फिजिकल गोल्ड रिजर्व बढ़ाई है ताकि जरूरत पड़ने पर घरेलू बाजार में सोने की कीमतों को कंट्रोल किया जा सके.
अब RBI के पास कितना सोना है?
31 मार्च 2025 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पास कुल 879.58 मीट्रिक टन सोना मौजूद था. पिछले साल यानी 31 मार्च 2024 को यह आंकड़ा 822.10 मीट्रिक टन था. यानी एक साल में 57.48 मीट्रिक टन का इजाफा हुआ है.
इसमें से 311.38 मीट्रिक टन सोना RBI के Issue Department के पास दर्ज है जो पिछले साल 308.03 मीट्रिक टन था. जबकि बाकी 568.20 मीट्रिक टन Banking Department के एसेट के तौर पर दर्ज है जो पिछले साल 514.07 मीट्रिक टन था.
कितना सोना भारत में और कितना विदेश में?
RBI ने जो 100.32 मीट्रिक टन सोना भारत वापस मंगवाया, उसके बाद देश के अंदर रखा गया कुल फिजिकल गोल्ड बढ़कर 200.06 मीट्रिक टन हो गया है. वहीं, विदेशों में रखा गया सोना घटकर 367.60 मीट्रिक टन रह गया, जो पिछले साल 413.79 मीट्रिक टन था. यानी विदेशों में रखा गया सोना करीब 46 मीट्रिक टन घटा है.
भारत का सोना किन देशों की तिजोरियों में रखा गया है?
भारत का ज्यादातर विदेशी सोना लंदन स्थित बैंक ऑफ इंग्लैंड में जमा है. यहां की सिक्योरिटी बहुत टाइट होती है. इसके अलावा भारत ने कुछ हिस्सा स्विट्जरलैंड के बासेल शहर में स्थित बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट (Bank for International Settlements - BIS) और अमेरिका के फेडरल रिजज्ञव बैंक (Federal Reserve Bank of New York) में भी जमा कर रखा है.
RBI ने क्यों मंगवाया विदेशों से सोना वापस?
विदेशों में सोना रखने से ट्रेड, स्वैप और रिटर्न अर्जित करना आसान होता है, लेकिन अगर कहीं वॉर या जियो-पॉलिटिकल क्राइसिस हो जाए, तो यह सोना जोखिम में भी आ सकता है. शायद यही वजह है कि RBI ने कुछ हिस्सा वापस भारत लाने का फैसला किया है.
सोने की कीमत और वैल्यू में कितनी बढ़ोतरी हुई?
RBI के मुताबिक, बैंकिंग डिपार्टमेंट के पास जो सोना रखा गया है ,उसकी कुल वैल्यू 31 मार्च 2024 को 2,74,714.27 करोड़ रुपये थी, जो 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 4,31,624.80 करोड़ रुपये हो गई. यानी इसमें 57.12% की बढ़ोतरी हुई.इसमें डिपॉजिट भी शामिल हैं.
इस बढ़ोतरी की तीन वजह हैं जिसमें 54.13 मीट्रिक टन सोने की नई खरीद,ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी और भारतीय रुपये की वैल्यू में गिरावट शामिल हैं.
RBI के फैसले से आम लोगों को क्या होगा फायदा?
RBI का यह कदम सिर्फ विदेशी पॉलिसी या ट्रेड स्ट्रैटजी तक सीमित नहीं है. भारत में जब सोना ज्यादा मात्रा में स्टोर होता है, तो जरूरत पड़ने पर सरकार या RBI लोकल मार्केट में सप्लाई बढ़ाकर सोने की कीमतों को कंट्रोल कर सकते हैं. इससे निवेशकों और सोना खरीदने की सोच रहे आम लोगों को फायदा हो सकता है.