How to check Provident Fund interest deposits: प्रोविडेंट फंड के खाते में सरकार कब ब्याज जमा कराएगी. यह सवाल करोड़ों पीएफ खाताधारकों को परेशान करता रहा है. अभी लाखों पीएफ खाताधारक इसी प्रश्न से परेशान हैं. कई लोगों की स्थिति तो यह हो गई है कि उन्हें यह पता ही नहीं कि कब ब्याज आ गया या कब ब्याज आएगा. हर वो आदमी इस परेशानी में शामिल रहा जो नौकरीपेशा है और उसकी कमाई का एक अंश पीएफ खाते में जमा किया जाता है ताकि उसका भविष्य सुरक्षित रह सके. यानि वह अपनी कमाई का एक हिस्सा हर महीना इसलिए कटवाता है ताकि भविष्य में उसके भूखे मरने की नौबत न आए. इतना ही नहीं अपनी कुछ अहम जरूरतों को पूरा करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. कर्मचारी के अलावा कंपनी सरकार द्वारा संचालित ईपीएफओ EPFO (Employees Provident Fund Organisation) में पैसा जमा करवाती है और सरकार के पास क्योंकि यह फंड जमा होता है तो सरकार भी इस फंड का प्रयोग करती है. इस फंड के प्रयोग से जो कमाई सरकार या ईपीएफओ EPFO करती है उसका एक हिस्सा ब्याज के रूप में ईपीएफओ EPFO विभाग हर सरकार खातों में जमा कराता है. बता दें कि ईपीएफओ के पास इस समय 24.77 करोड़ खाते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि ब्याज उस रुपये का दिया जा ता है जो ईपीएफओ EPFO के पास खाते में जमा होता है. यह ब्याज हर साल जमा किया जाता है. ब्याज की दर भी सरकार के द्वारा घोषित की जाती है. लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से पिछले साल का जो ब्याज है वह काफी देर से अब जमा कर दिया गया है. खास बात यह है कि ईपीएफओ ने यह पैसा पीएम खाताधारकों के अकाउंट में जमा तो करवा दिया है लेकिन अभी भी लोगों को पता ही नहीं चला कि यह पैसा कब खाते में आ गया. जिन लोगों को अपने खाते की पूरी जानकारी रहती है और जो लोग बार बार खाते को देखते रहते हैं और उसकी रकम पर खासा ध्यान रखते हैं उन लोगों को यह जरूर पता लग गया है कि उनके खाते में 21-22 का ब्याज जमा करवाया जा चुका है लेकिन बाकी लोगों को यह पता नहीं चल पा रहा है.
ये है तरीका
जो लोग खाते में लॉगिन कर ब्याज का पैसा देख रहे हैं उन्हें भी यह दिखाई नहीं दे रहा है. तमाम लोग फरवरी 23 और मार्च 23 के महीनों में स्टेटमेंट में ब्याज को चेक कर रहे हैं. लेकिन ये लाखों लोग गलती कर रहे हैं. गलती यह कर रहे हैं कि वे इस साल के महीनों के स्टेटमेंट में ब्याज की रकम तलाश रहे हैं. करना ये चाहिए कि वे पिछले साल मार्च महीने का स्टेटमेंट देखेंगे तो उन्हें पता चलेगा का ब्याज उनके खाते में जमा कर दिया गया है. पिछले साल के मार्च महीने के स्टेटमेंट को गौर से देखेंगे तो पता चलेगा कि अंतिम लाइन में ब्याज का पैसा जोड़ दिया गया है. क्योंकि ब्याज 2021-22 का है तो वह भी वहीं पर जोड़ा गया है.
करोड़ों पीएफ खाताधारकों को अभी भी इस बारे में जानकारी नहीं है कि उनके खाते में ब्याज आ गया है. उसका कारण भी यह है कि समय पर ब्याज खाते में नहीं आया और कब डाला गया इस बारे में भी ईपीएफओ से सीधे खाताधारकों को कोई सूचना भी नहीं दी गई है.
उल्लेखनीय है कि 2022-23 का साल भी पूरा होने जा रहा है. माना जा रहा है कि 31 मार्च 22 तक जो भी गुणा भाग किया जाना चाहिए था वह हो चुका होगा लेकिन ब्याज क्यों नहीं डाला गया इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है. सरकार से भी सवाल पूछा गया है और सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि यह ईपीएफओ का काम है और विभाग पूरी स्वतंत्रता के साथ यह काम करता है. इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
जानकारी दे दें कि 2020-21 में पीएफ पर ब्याज दरें 8.5 प्रतिशत की घोषणा की गई थी. लेकिन यह पैसा दिसंबर में खाते में डाला गया था. यानि मार्च में घोषणा होने के बावजूद दिसंबर में खाते में पैसे डाले गए थे. वहीं, 2021-22 में ब्याज की दरें सरकार की ओर से 8.10 प्रतिशत घोषित की गई जिसका पैसा अब खाते में डाल दिया गया है.
ज्ञातव्य हो कि सरकार ने हाल ही में बजट 2023 में घोषणा में पीएफ खाते से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है. केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री ने कर्मचारी भविष्य निधि की निकासी के नियमों में बदलाव की घोषणा की है. अब अगर किसी कारणवश 5 साल की अवधि से पहले अपने पीएफ खाते से पैसे निकालना हो और पैन कार्ड लिंक नहीं है तो ऐसे में अब 30 फीसदी की जगह 20 फीसदी टीडीएस देना होगा. ये नए नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होगा.